Surat: सूरत में एक कपड़ा इकाई में दर्जी के रूप में काम करने वाले 26 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि खुद को आईपीएस अधिकारी बताने के आरोप में युवक को पकड़ा है। डीसीपी भागीरथ गढ़वी ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, आरोपी की पहचान मोहम्मद सरमज आलम के रूप में हुई है जो कि बिहार का मूल निवासी है।
लोगों को प्रभावित करने के लिए पुलिस की वर्दी में सार्वजनिक स्थानों पर घूमने का शौकीन है। आलम दुकानों पर जाता था और पुलिस की वर्दी में तस्वीरें खिंचवाना पसंद करता था। उसने क्राइम पेट्रोल जैसे कुछ टीवी धारावाहिकों से प्रेरित होने का दावा किया।

आईपीएस अधिकारी का लगा हुआ था बैज
एक विशिष्ट सूचना के आधार पर गढ़वी ने कहा कि पता चला कि एक व्यक्ति खुद को पुलिस अधिकारी बताकर शहर के उधना इलाके में सड़क पर वाहनों को रुकने के लिए कह रहा था। पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और आलम को पकड़ लिया, जिसने खाकी वर्दी पहन रखी थी और कंधे पर आईपीएस अधिकारी का बैज लगा हुआ था।

डीसीपी ने कहा ‘पुलिस को उसके बैग से एक वॉकी-टॉकी वाला खिलौना, एक पिस्तौल के आकार का सिगरेट लाइटर, आंध्र प्रदेश पुलिस का एक बैज और एक अन्य पुलिस की वर्दी मिली। आलम बिहार का मूल निवासी है और उसने 10 वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वह पिछले सात वर्षों से सूरत में एक कपड़ा इकाई में दर्जी के रूप में काम कर रहा है।’ उन्होंने कहा कि आलम ने एक ऑनलाइन स्टोर से आईपीएस बैज खरीदा था।

खाकी वर्दी पहनने का है शौक
आलम ने पुलिस को बताया कि उसे लोगों को प्रभावित करने के लिए खाकी वर्दी पहनने का शौक है और यह पहली बार है जब उसने आईपीएस कंधे पर बैज लगाया है। इससे पहले वह पुलिस की वर्दी पहनकर बाजार में घूमता था, लेकिन आईपीएस बैज नहीं लगाता था। वह दुकानों पर जाता था और वर्दी में तस्वीरें खिंचवाना पसंद करता था। उसने क्राइम पेट्रोल जैसे कुछ टीवी धारावाहिकों से प्रेरित होने का दावा किया था। अब तक गढ़वी ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि उसने खुद को पुलिस बताकर किसी से पैसे नहीं वसूले। आलम को आईपीसी की धारा 170 और 171 के तहत प्रतिरूपण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

रूस आंतकी हमले में 15 पुलिस अधिकारियों समेत कई नागरिकों की मौत

Date:

Share post:

मॉस्को: रूस के दक्षिणी दागिस्तान क्षेत्र में हथियारों से लैस आतंकवादियों ने 15 से अधिक पुलिस अधिकारियों और एक पादरी समेत कई नागरिकों की हत्या कर दी। दागिस्तान के गवर्नर सर्गेई मेलीकोव ने सोमवार तड़के एक वीडियो बयान में बताया कि बंदूकधारियों ने दो शहरों में दो ऑर्थोडॉक्स गिरजाघरों, एक यहूदी उपासनागृह और एक पुलिस चौकी पर गोलीबारी की।
रूस की राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी समिति ने बताया कि ये हमले मुख्य रूप से मुस्लिम क्षेत्र में हुए जहां सशस्त्र चरमपंथ का इतिहास रहा है। उसने इन हमलों को आतंकवादी कृत्य बताया। इस क्षेत्र में सोमवार, मंगलवार और बुधवार को शोक दिवस घोषित किया गया है।
दागिस्तान के अंदरुनी मामलों के मंत्री ने बताया कि सशस्त्र लोगों के एक समूह ने कैस्पियन सागर के समीप स्थित डर्बेंट शहर में एक यहूदी उपासनागृह और एक गिरजाघर पर हमला किया।
सरकारी मीडिया के अनुसार, गिरजाघर और यहूदी उपासनागृह दोनों में आग लग गयी। इसी तरह दागिस्तान की राजधानी मखचकला में एक गिरजाघर और एक यातायात पुलिस चौकी पर भी हमले की ऐसी ही खबरें मिली हैं। प्राधिकारियों ने क्षेत्र में आतंकवाद रोधी अभियान की घोषणा की है।
आतंकवाद रोधी समिति ने बताया कि पांच बंदूकधारियों का खात्मा कर दिया गया है। गवर्नर ने बताया कि छह डाकुओं का खात्मा कर दिया गया है। बहरहाल, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हमलों में कितने आतंकवादी शामिल थे। अभी किसी ने हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है। प्राधिकारियों ने इस आतंकवादी कृत्य की आपराधिक जांच शुरू कर दी है।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने कानून प्रवर्तन सूत्रों के हवाले से बताया कि दागिस्तान के एक अधिकारी को हमलों में उसके बेटों की संलिप्तता को लेकर हिरासत में लिया गया है। मेलीकोव ने बिना कोई सबूत उपलब्ध कराए दावा किया कि इन हमलों की साजिश संभवत: विदेश में रची गयी।

Related articles

सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की अधिकतम सेवाएं ऑनलाइन की जाएं– मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

पी.वी.आनंदपद्मनाभनमुंबई,स्वास्थ्य विभाग की आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुसार...

🙏 शोक सूचना एवं विशेष अपील 🙏

राजेश लक्ष्मण गावड़े मुख्य संपादक (जन कल्याण टाइम) सभी समाजबंधुओं, नगरवासियों एवं सम्माननीय दर्शकों को अत्यंत दुःख के...

📌 भारत बंद क्यों है?

राजेश लक्ष्मण गावड़े मुख्य संपादक (जन कल्याण टाइम) 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (जैसे INTUC, AITUC, CITU इत्यादि), किसानों और...