Goa: गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खुंटे ने वन विभाग के उस फैसले का कड़ा विरोध जताया है। जिसमें वन विभाग ने एक पत्र जारी करते हुए मानसून के दौरान राज्य के सभी झरनों में पर्यटकों के आगमन पर प्रतिबंध लगा दिया है। मामले में पर्यटन मंत्री ने कहा कि पिछले सप्ताह वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जारी किया गया पत्र उनके विभाग की अंतर्देशीय पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना के लिए बहुत ही हानिकारक है।
मुख्यमंत्री के सामने रखी पूरी बात- रोहन खुंटे
मामले में पर्यटन मंत्री रोहन खुंटे ने कहा कि मैंने इस मामले को पहले ही मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के सामने उठाया है और जल्द ही वो राज्य के वन मंत्री विश्वजीत राणे से बात करेंगे। रोहन खुंटे ने आगे कहा कि झरने हमारे राज्य में अंतर्देशीय पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। पर्यटक ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोग भी झरनों को देखना पसंद करते हैं। और दिल्ली में मौजूद कोई वन विभाग का अधिकारी सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए झरनों पर प्रतिबंध लगाने वाला पत्र नहीं जारी कर सकता है।
‘वन और पर्यटन विभाग को मिलकर करना होगा काम’
मंत्री रोहन खुंटे ने आगे कहा कि झरनों पर पर्यटकों की सुरक्षा चिंता का विषय जरूर है, लेकिन झरनों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने में इसका समाधान नहीं है। मंत्री ने कहा, अगर सुरक्षा चिंता का विषय है, तो हमें इसके लिए कोई उपाय निकालना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में कुछ झरनों को सुरक्षित स्थान घोषित किया जा सकता है, जहां पर्यटकों को जाने की अनुमति दी जा सकती है, जबकि अन्य झरनों में, जहां डूबने की संभावना है, वहां प्रतिबंध लगाया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि राज्य अंतर्देशीय पर्यटन को बढ़ावा देने पर काम कर रहा है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिलती है। उन्होंने ये भी कहा कि वन और पर्यटन विभाग को मिलकर काम करना होगा।