Coastal Road Inauguration: मुंबई में समंदर के नीचे सुरंग में चलेंगी गाड़ियां! आज होगा उद्घाटन

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मुंबई कोस्टल रोड परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन सोमवार सुबह 11 बजे होगा। 14 हजार करोड़ की लागत से बने कोस्टल रोड से वर्ली से मरीन ड्राइव का रस्ता 9 किमी का सफर महज 7 से 8 मिनट में पूरा होगा। इतनी दूरी तय करने के लिए अब तक पौने घंटे का समय लगता था।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार कोस्टल रोड के उद्घाटन समारोह में उपस्थित होंगे। इसके अलावा वर्ली से शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे और सांसद अरविंद सावंत को भी न्योता भेजा गया है। 10.58 किमी लंबे कोस्टल रोड का एक हिस्सा समुद्र के अंदर बनाया गया है। जिसकी कुल लंबाई करीब 2 किमी है।
हर दिन 12 घंटे के लिए खुलेगा कोस्टल रोड
कोस्टल रोड को बांद्रा वर्ली ली लिंक से जोड़ा जा रहा है। इसके बाद मरीन ड्राइव से सीधे बांद्रा जाया जा सकेगा। इसलिए अभी यह सुबह 8 से रात 8 बजे तक सामान्य यातायात के लिए खुला रहेगा। इसके बाद इसे आम जनता के लिए बंद रख जाएगा और दूसरे चरण का काम किया जाएगा। यह प्रिंसेस स्ट्रीट (मरीन ड्राइव) से बांद्रा वर्ली सी लिंक के दक्षिणी छोर को कनेक्ट करेगा।
इन वाहनों को एंट्री नहीं
मुंबई के लोग कोस्टल रोड का इस्तेमाल मंगलवार से कर सकेंगे। कोस्टल रोड से सफर पूरी तरह से फ्री होगा। कोस्टल रोड पर ट्रेलर, मिक्सर, ट्रैक्टर, दो पहिया, तीन पहिया, साइकिल, दिव्यांग वाहन, तांगा और हाथगाड़ी आदि की एंट्री बैन हैं।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के मुताबिक, 40 फीट चौड़ी कोस्टल रोड की लंबाई 10.58 किमी है। जिसका 9 किमी हिस्सा दक्षिण मुंबई में है। इस परियोजना के तहत दो बड़ी सुरंगें खोदी गईं है। कोस्टल रोड के सुरंग बनाने का काम 11 जनवरी 2021 को शुरू हुआ। पहली सुरंग की खुदाई 10 जनवरी 2022 को पूरी हुई। दूसरी सुरंग की खुदाई 1 अप्रैल 2022 से शुरू की गई थी।
निर्माण में आईं कई दिक्कतें
दूसरी सुरंग की खुदाई के दौरान तकनीकी समस्या हुई और सुरंग की खुदाई में देरी हुई। सुरंग का काम भारत के सबसे बड़े टीबीएम यानी टनल बोरिंग मशीन की मदद से कोस्टल रोड बनाया गया है। बीएमसी के मुताबिक, मुंबई कोस्टल रोड के दोनों चरण 15 मई तक शुरू हो जाएंगे।
मुंबई कोस्टल रोड का काम अक्टूबर 2018 में शुरू किया गया था। यह परियोजना बहुत बड़ा और जटिल होने के कारण कई दिक्कतें आईं। अदालती रोक और अन्य कारणों की वजह से परियोजना की डेडलाइन बार-बार बढ़ाई गई।
मुंबई कोस्टल रोड की खासियतें
मुंबई शहर के यातायात को बेहतर करने की दृष्टि से यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। छत्रपति संभाजी महाराज के नाम से जाना जायेगा मुंबई कोस्टल रोड। इससे 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां चल सकती हैं। हालांकि, इस पर गति सीमा 70 से 80 किमी प्रति घंटा होने की खबर है।
कोस्टल रोड के दोनों सुरंगों में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। दुर्घटना या आग लगने की स्थिति में धुआं बाहर निकल जाएगा। इसमें ट्रैफिक मैनेजमेंट कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है। कोस्टल रोड से ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी। इससे सफर करने पर उतनी ही दूरी में लगने वाले समय में काफी बचत होगी। दावा जा रहा है कि ईंधन में भी 34 फीसदी की बचत होगी।

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