मानव मस्तिष्क हर नकारात्मक बात,चीज़ या पहलू को याद रखता है और सकारात्मक को भूल जाना उसकी फितरत है क्योंकि हज़ारो लाखों वर्षों में मानव मस्तिष्क का विकास ही उसके द्वारा नकारात्मकता को पहले लेकर आने के लिए हुआ है। ऐसा इसलिए है ताकि मानव हानिकारक प्रभावों से सचेत हो सके और भविष्य में उसके( मानव) बने रहने की संभावना प्रबल हो सके। मानव जीवन को खतरा सकारात्मकता से नही है बल्कि नकारत्मकता से है सो इसलिए ही मानव मस्तिष्क उन प्रभावों को पहले लेकर आता है और याद रखता है। कभी आपको बादलों में दीवारों पर या अंधेरे में कुछ कृतियाँ बनी हुई दिखाई देती हैं ???
अगर कभी ऐसा हुआ है तो हमारा दिमाग हर समय खतरे को भांपने का प्रयास करता है और ये क्रमिक विकास का नतीजा है । आदिमानव से आज के सभ्य मानव तक ….इसलिए सकारात्मक बातें कम याद रहती है और नकारात्मक बाते मुश्किल से भूली जा सकती हैं।
मदद एक ऐसी घटना है, जो करो तो लोग भूल जाते हैं और ना करो तो याद रखते हैं
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