नई दिल्ली. जीत के रथ पर सवार टीम इंडिया का वर्ल्ड कप 2023 में अगला मुकाबला इंग्लैंड से है. डिफेंडिंग चैंपियन का टूर्नामेंट में बुरा हाल है. इंग्लैंड की टीम ने अबतक खेले 4 में से एक ही मैच जीता है लेकिन ये टीम कमबैक का दम रखती है और इस रविवार को लखनऊ में इंग्लैंड की टक्कर भारत से होनी है. वहीं, टीम इंडिया अबतक खेले पांचों मैच जीती है. धर्मशाला में भारत ने न्यूजीलैंड को हराया था. उस मैच में हार्दिक पंड्या के चोट के कारण नहीं खेलने की वजह से टीम में 2 बदलाव करने पड़े थे. शार्दुल ठाकुर को टीम से बाहर किया गया था और उनके स्थान पर मोहम्मद शमी टीम में आए थे और उन्होंने वर्ल्ड कप 2023 के अपने पहले मैच में ही 5 विकेट झटक लिए थे.
शमी के इस प्रदर्शन के बाद ये सवाल उठा कि क्यों कप्तान रोहित शर्मा और टीम मैनेजमेंट ने वर्ल्ड कप के पहले मैच से ही उन्हें फर्स्ट चॉइस गेंदबाज के रूप में नहीं देखा? और शार्दुल ठाकुर को लगातार मौका दिया. इसके पीछे बस एक ही वजह थी कि कप्तान रोहित शर्मा को 8वें नंबर पर ऐसा खिलाड़ी चाहिए था कि जो बैटिंग भी कर सके लेकिन वर्ल्ड कप में शार्दुल की बल्लेबाजी का इम्तिहान होना बाकी है लेकिन गेंद के साथ उनका प्रदर्शन टीम इंडिया की चिंता ही बढ़ा रहा.
शमी 2 विकेट ही ले पाए हैं
शार्दुल को मैन विद गोल्डन आर्म माना जाता है. यानी जब टीम को जरूरत होती है तो वो विकेट निकालकर देते हैं. खासतौर पर बीच के ओवरों में लेकिन इस वर्ल्ड कप में शार्दुल की चमक अबतक फीकी रही. उन्होंने तीन मैच में 17 ओवर गेंदबाजी की लेकिन विकेट 2 ही लिए. उनका इकोनॉमी रेट भी 5.16 से 6.50 तक पहुंच गया.
भारत को अगला मैच इंग्लैंड से खेलना है, जिसकी बैटिंग में फायर पावर है. अब ये साफ हो गया है कि हार्दिक पंड्या इंग्लैंड के खिलाफ नहीं खेलेंगे तो फिर प्लेइंग-11 में कैसी होगी? क्या पंड्या की गैरहाजिरी में भारतीय टीम मैनेजमेंट शार्दुल के रूप में इकलौते सीम बॉलिंग ऑलराउंडर को चुनेंगे या फिर शमी के साथ जाएगी?
रन बनाना या रन बचाना?
इसे दूसरे नजरिए से समझें तो टीम इंडिया रन बनाने के बजाए क्या इसे रोकने के बारे में सोचेगी? न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने प्रदर्शन के बाद शमी ने शार्दुल के स्थान पर इंग्लैंड के खिलाफ खेलने का दावा मजबूत कर लिया है.
शमी का दावा क्यों मजबूत?
न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में मोहम्मद शमी फर्स्ट चेंज गेंदबाज के रूप में गेंदबाजी के लिए आए थे. बुमराह, सिराज और शमी की तिकड़ी ने उस मैच में बैटिंग पावरप्ले में महज 34 रन ही दिए थे. इसके पीछे की एक ही वजह थी. पहले 10 ओवर में भारतीय गेंदबाजों ने 6-9 मीटर वाले गुडलेंथ एरिया में गेंदबाजी की थी. शमी ने खुद अपनी पहली 24 में से 17 गेंद गुडलेंथ पर फेंकी थी और इसका उन्हें फायदा मिला था. इस आईपीएल में भी शमी ने अपने 28 में से दो तिहाई विकेट पावरप्ले में ही हासिल किए थे, जहां उन्होंने लगातार गुडलेंथ पर गेंदबाजी की थी.
शमी ने डेथ ओवर में भी अच्छी गेंदबाजी की थी
ऐसा नहीं था कि शमी पावरप्ले में ही सफल रहे थे. उन्होंने रचिन रवींद्र को 34वें ओवर में आउट कर भारत की मैच में वापसी कराई थी. इसके बाद डेथ ओवर में शमी ने यॉर्कर का इस्तेमाल किया और विकेट हासिल किए और एक समय 34 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 174 रन बना चुकी कीवी टीम 99 रन और जोड़ पाई और इसमें शमी की गेंदबाजी की कमाल था.
शार्दुल बीच के ओवर में विकेट नहीं निकाल पा रहे
हार्दिक पंड्या के चोटिल होने के कारण टीम इंडिया बांग्लादेश के खिलाफ ये नहीं कर पाई थी. उस मैच में शार्दुल ठाकुर से रोहित को ज्यादा गेंदबाजी करानी पड़ी थी और उनके 9 ओवर में बांग्लादेशी बैटर्स ने 59 रन कूटे थे. शमी के विपरीत, शार्दुल ने पुणे में अपने दोनों स्पैल में अलग-अलग लेंथ में गेंदबाजी की थी. इसी वजह से बांग्लादेशी बैटर्स ने उनके खिलाफ खूब रन बटोरे.
शार्दुल या शमी? किसे मिलेगा इंग्लैंड के खिलाफ मौका
अब टीम इंडिया के सामने सवाल यही है कि शमी को खिलाने के लिए मैनेजमेंट टीम के संतुलन से छेड़छाड़ करेगा? पिछले साल टी20 विश्व कप के दौरान ऐसा हुआ था, जब रविचंद्रन अश्विन के स्थान को युजवेंद्र चहल पर तरजीह मिली थी. वहीं, वर्ल्ड कप 2023 के लिए भी अक्षर पटेल को आर अश्विन से ऊपर रखा गया था. अब देखना होगा कि इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया फुल टाइम पेसर के साथ जाती है या बैटिंग में गहराई के लिए फिर शार्दुल को प्लेइंग-11 में लाती है.

