सूरत. अनंत चतुर्दशी पर गुरुवार को भक्तों ने आराध्य देव गणपति को भावभीनी आंखों से विदाई दी। मराठी बहुल और अति संवेदनशील क्षेत्र लिंबायत में शांतिपूर्ण माहौल में गणेश विसर्जन यात्रा संपन्न होने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली। प्रशासन की ओर से बुधवार रात से ही क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।
मुंबई और पुणे के बाद गुजरात के सूरत शहर में बड़े पैमाने पर गणेश उत्सव मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी पर पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए जाते हैं। खास तौर पर लिंबायत क्षेत्र की विसर्जन यात्रा पर सभी की निगाहे टिकी रहती है। हर साल की तरह इस बार भी लिंबायत के अति संवेदनशील रूट संगम बैंड सर्कल रूट पर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। लिंबायत क्षेत्र में इस वर्ष कुल 310 बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना की गई थी। इनमें से 25 प्रतिमाओं की विसर्जन यात्रा संगम बैंड सर्कल से निकली। सुबह करीब पौने बारह बजे संगम बैंड सर्कल पर पहली प्रतिमा पहुंची। यहां शांति समिति के सदस्यों ने गणेश मंडल का गुलाब का फूल देकर स्वागत किया। दोपहर ढाई बजे तक सभी 25 प्रतिमाओं की विसर्जन यात्रा संगम बैंड सर्कल से शांतिपूर्ण माहौल में आगे बढ़ गई। इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। इसके अलावा संजय नगर से नीलगिरी रूट, नीलगिरी से रतन चौक रूट, गोड़ादरा से महाराणा प्रताप रूट, मीठी खाड़ी से रिंगरोड़ रूट से अन्य प्रतिमाओं की विसर्जन यात्रा निकली।
आइपीएस अधिकारियों ने अगुवाई की
लिंबायत के संगम बैंड सर्कल से शांतिपूर्ण माहौल में विसर्जन यात्रा संपन्न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे। यहां बीएसएफ के जवानों के साथ ही शहर पुलिस के कर्मी, होमगार्ड के जवानों के साथ ही फ्रैंड़ ऑफ पुलिस सुरक्षा में मौजूद थे। यहां दो डिप्टी पुलिस आयुक्त समेत दो अतिरिक्त पुलिस आयुक्त भी तैनात थे। विसर्जन यात्रा को आगे बढ़ाने का जिम्मा खुद आइपीएस अधिकारियों ने संभाला। उन्होंने गणेश पंडालों में पहुंचकर गणेश विसर्जन यात्रा की ना सिर्फ शुरुआत करवाई, बल्कि विसर्जन यात्रा को संगम बैंड सर्कल से आगे निकाला।