गांधीनगर. भारी बारिश से बाढ़ के हालात बन गए थे जिससे सरदार सरोवर बांध (नर्मदा बांध) से पानी छोड़ना पड़ा। बाढ़ की आशंका को देखते हुए 16 से 18 सितम्बर को पानी छोड़ना पड़ा। इससे ही निचले इलाकों में होने वाले नुकसान को टाला जा सका। सरदार सरोवर परियोजना (एसएसपी) के ऊपरी इलाकों में रेन गेज स्टेशनों पर पांच से 14 सितम्बर तक बारिश के आंकड़े कम से कम दर्शाए गए हैं।
परियोजना के कैचमेन्ट एरिया में 15 सितम्बर को मध्यम और 16 और 17 सितम्बर को अतिभारी बारिश हुई, जिससे ऊपरी भाग का मुख्य बांध (इंदिरा सागर प्रोजेक्ट) भरा गया, जिससे सरदार सरोवर बांध की ओर से पानी छोड़ना प्रारंभ किया गया। सरदार सरोवर निगम लिमिटेड की ओर से यह बयान जारी किया गया।
निगम के मुताबिक इंदिरा सागर प्रोजेक्ट और सरदार सरोवर प्रोजेक्ट के बीच बादल फटने (क्लाउड बर्स्ट) से सरदार सरोवर प्रोजेक्ट में अचानक बाढ़ की स्थिति बनी थी। 16 सितम्बर की रात्रि 11 बजे सरदार सरोवर प्रोजेक्ट से अधिकतम प्रवाह 21.75 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। हालांकि केन्द्रीय जल निगम की ओर से कोई भी पूर्वानुमान नहीं होने के बावजूद 16 सितम्बर को सुबह 10 बजे डाउन स्ट्रीम में 45,000 क्यूसेक पानी छोड़ना प्रारंभ किया गया। 17 सितम्बर को सुबह 18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। संग्रह क्षमता और सिस्टमेटिक गेट ऑपरेशन का उपयोग कर पीक फ्लो चार लाख क्यूसेक घटाया गया। 13 और 14 सितम्बर को ज्यादा बारिश नहीं थी और इंदिरा सागर प्रोजेक्ट में कोई ज्यादा आउट फ्लो नहीं था।
इसके अलावा सीडबल्यूसी का भी कोई पूर्वानुमान नहीं था। ऐसे में 13,14 और 15 सितम्बर को सरदार सरोवर बांध से पानी छोड़ने का कोई कारण नहीं था।
ज्ञात हो कि पहले पानी नहीं छोड़ने औ एक साथ पानी छोड़ने के चलते दक्षिण गुजरात के जिलों में बाढ़ आई होने का आरोप कांग्रेस की ओर से लगाया जा रहा है। ऐसे में निगम ने यह बयान जारी कर सफाई दी है।