सूरत. महानगर पालिका में मंगलवार को ढाई साल की दूसरी टर्म के लिए महापौर और उपमहापौर समेत पांच महत्वपूर्ण पदों के लिए नामों की घोषणा की गई। भाजपा की ओर से नाम उजागर करने के बाद सूरत की लोकल राजनीति के कई खेमों में कहीं खुशी, कहीं गम का माहौल देखने को मिला। प्रवासियों को तवज्जो देने से संदेश तो अच्छा गया, वहीं राजस्थानी समाज के पार्षदों में थोड़ी निराशा की जानकारी मिली। इनमें से एक भी पद प्रवासी राजस्थानी समाज को नहीं मिला। जबकि चर्चा के अनुसार भाजपा की राजनीति चमकाने में सदैव राजस्थानी समाज अग्रणी रहा है।
गौरतलब है कि सूरत मनपा के पांच महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति के लिए एक पैटर्न सालों से तय है। मूल सूरती के साथ ही सौराष्ट्रवासी, मराठी और उत्तर भारतीय समाज को एक-एक पद दिया जाता है, लेकिन इस बार मूल सूरती को स्थायी समिति अध्यक्ष का पद नहीं मिला। जबकि उत्तर भारतीय समाज को एक पद मिलना तय था, लेकिन अपेक्षा की जा रही थी कि इस बार किसी राजस्थानी समाज के पार्षद को भी पद मिलेगा और कुछ नाम चर्चा में भी चल रहे थे। चर्चा के मुताबिक, नेता सत्तापक्ष या दंडक के पद पर किसी राजस्थानी समाज के पार्षद की नियुक्ति हो सकती है, लेकिन नेता सत्तापक्ष के तौर पर उत्तर भारतीय समाज से शशिकला त्रिपाठी के नाम की घोषणा की गई। उसी के साथ राजस्थानी समाज के किसी पार्षद को पद मिलने की उम्मीद पर भी पानी फिर गया।

