नई दिल्ली. रक्षा और अनुसंधान संगठन (DRDO)ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से शुक्रवार को स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग विंग यूएवी की उड़ान का सफल परीक्षण किया।
टेललेस कॉन्फिगरेशन में इस उड़ान के साथ भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिन्होंने फ्लाइंग विंग कॉन्फिगरेशन के नियंत्रण में महारत हासिल कर ली है। मानव रहित लड़ाकू विमान विकसित करने की दिशा में यह बड़ी सफलता मानी जा रही है।
इसे बेंगलूरु में डीआरडीओ की प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशाला वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान ने डिजाइन और विकसित किया है। एक वीडियो में यूएवी को उड़ान भरते और लैंड करते दिखाया गया। बी-2 स्पिरिट के एक यूएवी विमान की कीमत 2.1 अरब डॉलर है।
डीआरडीओ अधिकारियों ने बताया कि ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की उड़ान का पहला परीक्षण एक जुलाई, 2022 को किया गया था। दूसरे परीक्षण में यूएवी ने सफल उड़ान का प्रदर्शन किया। इसमें टेक-ऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन और आसान टचडाउन शामिल है। यूएवी के एयरफ्रेम, अंडरकैरिज और विमान में उपयोग किए जाने वाले संपूर्ण नियंत्रण और एवियोनिक्स सिस्टम स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं। यूएवी छोटे टर्बोफैन इंजन से संचालित होता है। यह उड़ान सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।