जितना सीधे रहोगे… उतना ठोके जाओगे – यही दुनिया की हकीकत सीधी कील की कहानी (एक कटु सत्य, एक प्रेरणादायक संदेश)

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प्रस्तावना

दुनिया एक अजीब सा कारखाना है…
यहाँ हर इंसान किसी न किसी रूप में एक कील है।
कोई टेढ़ा, कोई मुड़ा हुआ, कोई झुका हुआ…
और कोई— सीधा, ईमानदार और सच्चा।

लेकिन अफ़सोस…
सबसे ज़्यादा चोट उसी सीधे को सहनी पड़ती है।


कहानी : “सीधी कील”

एक लकड़ी के तख़्त पर चार कीलें गड़ी थीं।
तीन कीलें टेढ़ी-मेढ़ी थीं—
वे हँसती थीं, एक-दूसरे को देखकर मज़ाक उड़ाती थीं।
कभी दाएँ झुक जातीं, कभी बाएँ।
कभी काम से बच निकलतीं,
कभी ज़िम्मेदारी किसी और पर डाल देतीं।

लेकिन चौथी कील…
सीधी थी।
बिल्कुल साफ़, मजबूत और ईमानदार।

वह न झुकती थी,
न मुड़ती थी,
न ही अपने सिद्धांतों से समझौता करती थी।


दुनिया का व्यवहार

हर रोज़ एक भारी हथौड़ा आता।
और क्या होता?

🔨 ठक! ठक! ठक!

हथौड़ा सीधी कील पर ही पड़ता।
बाकी तीन कीलें दूर खड़ी हँसतीं—

“देखा!
ज़्यादा सीधा बनने का नतीजा!”

सीधी कील चुप रहती…
दर्द सहती…
पर अपनी जगह नहीं छोड़ती।


संघर्ष का दर्द

हर चोट के साथ
उसकी आँखों में सवाल थे—

क्या ईमानदार होना ग़लती है?”
“क्या सच्चाई की यही सज़ा है?”
“क्या झुक जाना ही समझदारी है?”

लेकिन उसका दिल कहता—

“अगर मैं भी टेढ़ी हो गई,
तो मुझमें और उनमें फर्क क्या रहेगा?”


समय का जवाब

समय बीतता गया…
लकड़ी का वही तख़्त एक मजबूत ढाँचे में बदल गया।
घर खड़ा हुआ।
छत टिकी।
आधार बना।

और आश्चर्य…
सबसे ज़्यादा भार उसी सीधी कील पर था।

बाकी टेढ़ी कीलें—
या तो निकल गईं,
या टूट गईं,
या बेकार हो गईं।


सच का उद्घाटन

एक दिन हथौड़ा रुका।
कारीगर ने कहा—

“अगर ये सीधी कील न होती,
तो ये पूरा ढाँचा गिर जाता।”

वही कील,
जिस पर सबसे ज़्यादा चोट पड़ी थी…
आज सबसे ज़्यादा ज़रूरी साबित हुई।


प्रेरणादायक संदेश (Motivational Speech)

🎤 राजेश लक्ष्मण गावड़े की कलम से
Editor-in-Chief – Jan Kalyan Time News, Mumbai

प्रिय दर्शकों, 👇🏽👇🏽👇🏽👇🏾👇🏾👇🏾👇🏾

यह तस्वीर सिर्फ़ कीलों और हथौड़े की नहीं है…
यह हमारी ज़िंदगी की तस्वीर है।

👉 जितना आप ईमानदार रहेंगे,
👉 जितना आप सीधे रहेंगे,
👉 जितना आप सच्चे रहेंगे—

उतना ही ज़्यादा लोग आपको ठोकने की कोशिश करेंगे।

क्यों?

क्योंकि—
सीधा इंसान सबको चुभता है।
ईमानदार इंसान सिस्टम को हिला देता है।


याद रखिए…

🔹 टेढ़े लोग तालियाँ बटोर लेते हैं,
🔹 लेकिन इतिहास सीधों का लिखा जाता है।

🔹 झुकने वाले बच जाते हैं,
🔹 लेकिन खड़े रहने वाले मिसाल बनते हैं।


अंतिम संदेश

अगर आज आप पर—
🔨 आरोप लग रहे हैं,
🔨 मज़ाक उड़ाया जा रहा है,
🔨 आपको दबाया जा रहा है—

तो समझ लीजिए…
आप सही जगह खड़े हैं।

क्योंकि—
👉 हथौड़ा हमेशा उसी पर पड़ता है
जो कील की तरह मजबूत और सीधा होता है।


निष्कर्ष

जितना सीधे रहोगे…
उतना ठोके जाओगे।

लेकिन याद रखना—
आख़िर में
वही सीधा इंसान
दुनिया का बोझ संभालता है
। ✨

👉🏽 प्रस्तुति :👇🏾👇🏾👇🏾👇🏾👇🏾👇🏾👇🏾

📰 Jan Kalyan Time News, Mumbai


✍️ राजेश लक्ष्मण गावड़े
(Editor-in-Chief)

🌐 Official Website:
www.jankalyantime.in

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