
मुंबई। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी लाडली बहन योजना के लिए आदिवासी विकास विभाग का फंड डायवर्ट किए जाने के बाद विपक्ष ने सवाल उठाए थे। अब उसी विभाग ने अपने तहत चल रही योजनाओं के प्रचार और प्रसार के लिए 52 करोड़ 97 लाख रुपए आरक्षित किए हैं, जिससे कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार को निशाने पर लिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि बाढ़ और अन्य आपदाओं के बीच किसानों को मदद पहुंचाने की बजाय सरकार करोड़ों रुपए प्रचार पर खर्च कर रही है, जो प्राथमिकताओं में असंतुलन दर्शाता है।
क्या है मामला?
आदिवासी विकास विभाग ने आदेश जारी कर वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभिन्न आदिवासी कल्याण योजनाओं की जानकारी समाज के सभी तबकों तक पहुंचाने के लिए 52 करोड़ 97 लाख 47 हजार रुपए खर्च करने की मंजूरी दी है। यह राशि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए निर्धारित की गई है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
जब लाडली बहन योजना के लिए आदिवासी विभाग के खातों से कुल 1,770 करोड़ रुपए फंड डायवर्ट किए गए थे, तब विपक्ष ने सरकार पर विभाग के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया था। अब इसी विभाग द्वारा योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने पर विपक्ष ने सरकार की आलोचना तेज कर दी है। अतुल लोंढे ने सवाल उठाया कि जब राज्य के किसान आपदा का सामना कर रहे हैं, तब सरकार प्रचार और प्रसार पर करोड़ों रुपए क्यों खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस फिजूलखर्ची की बजाय किसानों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए और प्राथमिकता तय करनी चाहिए कि क्या सरकार की प्राथमिकता किसानों की मदद है या योजनाओं का प्रचार।