
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने आरोप लगाया कि एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के मैच के बाद खिलाड़ियों का हाथ न मिलाना एक पूर्व-नियोजित चाल थी, ताकि लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटकाया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दोनों देशों के बीच के मुद्दों पर राजनीति कर रही है और खिलाड़ियों को जानबूझकर ऐसा करने को कहा गया।
महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने सोमवार को दावा किया कि एशिया कप में मैच के बाद भारत और पाकिस्तान के खिलाफ खिलाड़ियों का हाथ न मिलाना एक पूर्व नियोजित (स्क्रिप्टेड) कदम था, जिसका मकसद राजनीतिक लाभ उठाना था। उन्होंने कहा कि भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा ने न तो टॉस के समय और न ही मैच के बाद हाथ मिलाने की प्रक्रिया निभाई। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह केवल एक परंपरा है, कोई नियम नहीं।
असली मुद्दों से ध्यान हटाया जा रहा: नाना पटोले
पटोले ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि इस तरही बातों से महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं और आम जनता के मुद्दों से ध्यान हटाया जा रहा है और यह सब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की योजना के तहत हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, भाजपा भारत-पाकिस्तान के मुद्दों पर राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहती है। पटोले ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा, हमारी बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ दिया गया, लेकिन केंद्र सरकार पाकिस्तान के खिलाफ खेलने की इजाजत देती है। खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने को कहा गया था। पटोले ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत के उस दावे का भी समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मैच के दौरान करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का सट्टा लगा।
‘राज्यपाल पद का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही मोदी सरकार’
सोमवार को आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का कार्यवाहक राज्यपाल नियुक्त किए जाने पर भी पटोले ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार राज्यपाल के पद का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिछले हफ्ते आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का कार्यवाहक राज्यपाल नियुक्त किया था, क्योंकि पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को देश का अगला उपराष्ट्रपति चुना गया है। देवव्रत 2019 से गुजरात के राज्यपाल हैं और अब महाराष्ट्र का भी कामकाज देखेंगे।
पीएम मोदी के मणिपुर दौरे पर क्या बोले पटोले
पटोले ने प्रधानमंत्री मोदी के 13 सितंबर को मणिपुर दौरे की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा जारी है, लेकिन प्रधानमंत्री पहली बार वहां गए। पटोले ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यधारा की मीडिया ने मणिपुर की जमीनी सच्चाई नहीं दिखाई, जबकि सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश साफ नजर आ रहा था।