
- उज्जवला योजना के लिए 12060 करोड़ का अतिरिक्त बजट के प्रस्ताव को मंजूरी
- अफोर्डेबल LPG सिलेंडर के लिए 30 हजार करोड़ का अतिरिक्त बजट
- टेक्निकल एजुकेशन संस्थानो के लिए कैबिनेट की बैठक में 4200 करोड़ के बजट को मंजूरी दी गई
- असम और त्रिपुरा के विकास के लिए विशेष विकास निधि के रूप में 4250 करोड़ को मंजूरी दी गई
– मरक्कनम-पुडुचेरी 4 लेन हाइवे के लिए 2157 करोड़ की राशि को मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट की आज एक अहम बैठक हुई. इसमें सरकार की ओर से पांच बड़े फैसले लिए गए. सरकार ने उज्जवला योजना के लिए 12060 करोड़ के अतिरिक्त बजट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस फैसले से 10 करोड़ 33 लाख लोगों को फायदा मिलेगा. इसके अलावा सरकार ने अफोर्डेबल LPG सिलेंडर के लिए 30 हजार करोड़ का अतिरिक्त बजट निर्धारित किया है. केंद्र सरकार ने रक्षा बंधन पर आम जनता के साथ-साथ टेक्निकल एजुकेशन संस्थानों को भी बड़ी राहत दी है. मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में लिए गए बाकी फैसलों में टेक्निकल एजुकेशन, असम और त्रिपुरा का विकास, मरक्कनम – पुडुचेरी 4 लेन हाइवे के लिए बजट को मंजूरी दे दी गई है. सरकार ने टेक्निकल एजुकेशन संस्थानों के लिए 4200 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है. वहीं, असम और त्रिपुरा के विकास के लिए विशेष विकास निधि के रूप में 4250 करोड़ को मंजूरी दे दी है. सरकार ने मरक्कनम -पुडुचेरी फोर लेन हाईवे के लिए 2157 करोड़ की राशि को भी मंजूरी दे दी है.
महिलाओं को रक्षाबंधन का गिफ्ट
मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट ने रक्षाबंधन से पहले महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में शुक्रवार को एलपीजी सब्सिडी के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लिए ₹12,060 करोड़ मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत मई 2016 में देश भर के गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए की गई थी। 1 जुलाई तक, भारत में लगभग 10.33 करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के लाभार्थियों को प्रति वर्ष 9 रीलों (और 5 किलो के सिलेंडर के लिए आनुपातिक रूप से) तक 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर पर 300 रुपये की लक्षित सब्सिडी को मंजूरी दे दी है। इस पर 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। भारत अपनी एलपीजी ज़रूरत का लगभग 60 प्रतिशत आयात करता है।
अफोर्डेबल LPG सिलेंडर के लिए 30 हजार करोड़ का अतिरिक्त बजट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर हुए घाटे के लिए तीन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल को 30,000 करोड़ रुपए का मुआवजे देने को मंजूरी दे दी. कैबिनेट ने एक बयान में कहा कि ओएमसी के भीतर मुआवजे का वितरण पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाएगा. मुआवजे का भुगतान 12 किस्तों में किया जाएगा. सरकार के अनुसार, यह महत्वपूर्ण कदम इन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की वित्तीय स्थिति को बनाए रखते हुए ग्लोबल एनर्जी मार्केट में उतार-चढ़ाव से उपभोक्ताओं की रक्षा करने की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों, आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल द्वारा घरेलू एलपीजी सिलेंडर उपभोक्ताओं को रेगुलेटेड कीमतों पर सप्लाई किए जाते हैं.
तकनीकी शिक्षा को मिलेगा बूस्ट
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बहु-विषयक शिक्षा और अनुसंधान सुधार योजना (MERITE) को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह योजना 275 तकनीकी संस्थानों में लागू होगी, जिनमें 175 इंजीनियरिंग कॉलेज और 100 पॉलिटेक्निक संस्थान शामिल हैं। यह केंद्र की योजना है, जिसके लिए 2025-26 से 2029-30 तक कुल 4,200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें से 2,100 करोड़ रुपये की बाहरी सहायता विश्व बैंक से ऋण के रूप में मिलेगी। सरकारी बयान के अनुसार, 275 सरकारी और सरकारी-सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों का चयन कर उन्हें योजना के तहत समर्थन दिया जाएगा। इसमें चुने हुए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NITs), राज्य इंजीनियरिंग संस्थान, पॉलिटेक्निक और संबद्ध तकनीकी विश्वविद्यालय (ATUs) शामिल होंगे। इसके अलावा, तकनीकी शिक्षा क्षेत्र को संभालने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के विभागों को भी MERITE योजना के तहत सहायता दी जाएगी। अनुमान है कि इस योजना से करीब 7.5 लाख छात्र लाभान्वित होंगे।
पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 4,250 करोड़ रुपए का पैकेज
असम और त्रिपुरा के लिए विशेष विकास पैकेज के रूप में 4,250 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. इसका उपयोग सड़क, पुल, और स्थानीय बुनियादी ढांचे के विकास में होगा, जिससे यहां की कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास तेज होगा.
दक्षिण भारत में हाईवे प्रोजेक्ट के लिए 2,157 करोड़ रुपए
मरक्कनम से पुडुचेरी तक फोर-लेन हाईवे बनाने और विकसित करने के लिए 2,157 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इससे पर्यटन, व्यापार और यातायात में तेजी आएगी.