
कौन? मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी और शिवसेना (शिंदे गुट) के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसात (औरंगाबाद वेस्ट के विधायक) को 10 जुलाई 2025 को इनकम‑टैक्स विभाग ने नोटिस भेजा।
क्यों? उनके द्वारा 2019 से 2024 के बीच चुनावी शपथपत्र में जमा की गई संपत्ति में जबरदस्त वृद्धि (करीब ₹3 करोड़ से बढ़कर ₹35 करोड़ तक) दर्ज की गई, जिस पर विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा।
शिरसात ने स्वीकार किया कि उन्हें 9 जुलाई तक जवाब देना था, लेकिन उन्होंने समय मांगा है और कहा कि सभी जानकारी उनके शपथपत्र में मौजूद है।
पहले उन्होंने दावा किया कि श्रीकांत शिंदे (उपमुख्यमंत्री के बेटे और सांसद) को भी नोटिस मिला है, लेकिन बाद में इसे वापस लेते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
- श्रीकांत शिंदे पर क्या है स्थिति?
भाजपा सांसद श्रीकांत शिंदे को नोटिस भेजे जाने की चर्चा राजनीतिक बयानबाज़ी तक सीमित रही। सरकार के सूत्रों ने इस पर स्पष्ट रूप से इनकार किया है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला।
संजय शिरसात ने भी इस दावे से दूरी बनाई और कहा कि उनके पास श्रीकांत के नोटिस की जानकारी नहीं है।
- राजनीतिक और विपक्षी प्रतिक्रियाएं
विपक्ष ने इस घटना पर तीखी टिप्पणियाँ की हैं:
NCP नेता रोहित पवार ने कहा कि यह नोटिस शायद BJP की दबाव रणनीति के हिस्से हो सकते हैं, विशेष रूप से मुंबई म्युनिसिपल चुनाव सीटों के बटवारे से जुड़े चर्चा में।
शिवसेना (ठाकरे‑उद्वव) की नेता सुषमा अंधारे ने भी शिंदे परिवार के दिल्ली दौरे को ‘मोका’ की बजाय ‘आयकर विभाग का धोका’ बताया।
हाई‑लेवल प्रतिक्रिया
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तुरंत दिल्ली रवाना हुए और गृह मंत्री अमित शाह व BJP के शीर्ष नेता जैसे J P नड्डा से मिले। माना जा रहा है कि उन्होंने इस मामले और इसी दौरान चर्चित VITS होटल टेंडर विवाद पर बातचीत की।
- आगे क्या होगा?
संजय शिरसात ने उत्तर देने के लिए समय मांगा है। जांच की प्रक्रिया जारी है।
विपक्ष संसद में मानसून सत्र में इसे लेकर गंभीर सवाल पूछ रहा है और सरकार से जवाबदेही की मांग कर रही है।
महायुति गठबंधन (BJP + शिंदे‑शिवसेना + अजित पवार NCP) में गतिरोध बढ़ सकता है, खासकर जब केंद्र‑राज्य स्तर की एजेंसियाँ राज्य मंत्रियों की संपत्ति पर जांच करती हैं।
🔍 सारांश:
पक्ष स्थिति
संजय शिरसात नोटिस मिला, जवाब दे रहे हैं
श्रीकांत शिंदे नोटिस की सूचना दब गई, सरकार ने साफ किया कि ऐसा कोई नोटिस नहीं है
विपक्ष इसे BJP की रणनीतिक चाल मान रहा है
शिंदे जी का दिल्ली दौरा सूचनाओं पर चर्चा और राजनीतिक दबाव का असर