

राजेश लक्ष्मण गावड़े
मुख्य संपादक (जन कल्याण टाइम)

🌹 प्रारंभिक पंक्तियाँ – दिल को छू जाने वाली बात:
“रिश्ते अगर पैसों से बनने लगे होते… तो आज हर अमीर तन्हा न होता।”

🗣️ राजेश भट्ट जी के शब्दों में:
“रिश्ते… दो दिलों के होने चाहिए, दो आत्माओं के होने चाहिए।
रिश्ता वो नहीं जो ज़बान से कह दिया जाए,
रिश्ता वो होता है जो खामोशी में भी महसूस हो।
दुनिया में पैसा बहुत कुछ खरीद सकता है –
बंगला, गाड़ी, कपड़े, शानो-शौकत…
पर जो चीज़ पैसे से नहीं खरीदी जा सकती,
वो है सच्चा प्यार, सच्चा रिश्ता।

💔 कभी-कभी हम भूल जाते हैं…
हम रिश्तों की क़ीमत नहीं समझते,
हम दौलत के पीछे भागते हैं,
पर जब थक कर लौटते हैं तो समझ आता है –
वो माँ की ममता, वो पिता की छांव,
वो दोस्त की हँसी, वो साथी की आँखें –
यह सब अनमोल हैं, इन्हें खरीदा नहीं जा सकता।

🏛️ प्यार की मिसाल अगर देनी हो… तो सिर्फ एक ही नाम काफी है – “ताजमहल”।
“वो प्यार जो मौत के बाद भी अमर हो गया,
वो एहसास जो पत्थरों में भी जान डाल गया,
और वो रिश्ता जो आज भी पूरी दुनिया में अमर प्रेम का प्रतीक बन गया।”

💡 संदेश:
“पैसों से चीजें आती हैं, पर इंसान नहीं।
दिल से बनाए गए रिश्ते ही इंसान को इंसान बनाते हैं।
मत तोलना रिश्तों को पैसों की तराजू पर,
वरना एक दिन तुम सबसे अमीर होकर भी सबसे अकेले रह जाओगे।”
🎬 RLG PRODUCTION प्रस्तुत करता है
🎙️ “प्यार और रिश्तों का असली अर्थ”
🗣️ एक मार्मिक प्रेरणादायक संदेश
👉🏻 वक्ता: राजेश भट्ट जी

🌟 अंतिम पंक्तियाँ – जीवन को झकझोर देने वाला सच:
“रिश्ते जब दिल से जुड़े होते हैं तो ताजमहल बनते हैं,
और जब पैसों से बनते हैं तो रिश्तों की नींव ही खोखली होती है।”
इसलिए…
“पैसे से नहीं, दिल से रिश्ता निभाओ।”