नई दिल्ली : बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अशांति का माहौल फैल गया था, जिसके बाद भारत की कंपनियों को व्यापार ठप्प होने का डर सता रहा था। अब बांग्लादेश हिंसा के एक हफ्ते के बाद बांग्लादेश में व्यापार करने वाली भारतीय एफएमसीजी कंपनियों ने बताया है कि धीरे धीरे उनका व्यापार रफ्तार पकड़ रहा है और हालात भी सुधरकर सामान्य हो रहे है।
दैनिक उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कई भारतीय कंपनियों का बांग्लादेश में भी कारोबार है। इनमें मैरिको, डाबर, इमामी, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, ब्रिटानिया और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स शामिल हैं। इनके अलावा डोमिनोज पिज्जा शृंखला का संचालन करने वाली कंपनी जुबिलेंट फूडवर्क्स लिमिटेड (जेएफएल) भी बांग्लादेश में करीब 30 स्टोर संचालित करती है।
कारोबारी गतिविधियां ठप्प
अगस्त के शुरुआती हफ्ते में बांग्लादेश आंतरिक अशांति और हिंसा की चपेट में आ गया था। सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के उग्र रूप अख्तियार करने के बाद तमाम कारोबारी गतिविधियां ठप्प पड़ गई थीं। हालांकि, पिछले हफ्ते अंतरिम सरकार का गठन होने के बाद से स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है।
11 अगस्त को सामान्य रूप से कामकाज शुरू
मैरिको ने कहा है कि बांग्लादेश में स्थित उसकी विनिर्माण इकाइयों ने 11 अगस्त को सामान्य रूप से कामकाज शुरू कर दिया। कंपनी ने कहा, ‘‘बाजार में परिचालन हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं और हमारे खुदरा श्रमबल और वितरकों का एक बड़ा हिस्सा काम करने लगा है।”
सामान्य रूप से परिचालन
मैरिको के अंतरराष्ट्रीय कारोबार में बांग्लादेश की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत तक है। इसके वहां दो कारखाने और पांच डिपो हैं। इसने 1999 में एक अनुषंगी मैरिको बांग्लादेश बनाई थी जो वहां के शेयर बाजारों में सूचीबद्ध इकाई है। डाबर इंडिया ने भी कहा कि उसका कारखाना और स्टॉक रखने वाले कारोबारी एक हफ्ते तक कामकाज बंद रहने के बाद अब सामान्य रूप से परिचालन करने लगे हैं।
डाबर का बयान
डाबर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहित मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हम हालात पर करीबी निगाह रखे हुए हैं और हम परिचालन में सामान्य स्थिति बहाल करने के सभी प्रयास करेंगे।” उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का डाबर के एकीकृत राजस्व में एक प्रतिशत से कम और मुनाफे में 0.5 प्रतिशत से कम योगदान है।
560 लोगों की हुई मौत
एक अन्य घरेलू कंपनी इमामी की भी बांग्लादेश में उपस्थिति है लेकिन यह आकार में छोटी है। बांग्लादेश इमामी के कुल एकीकृत राजस्व में लगभग चार प्रतिशत का योगदान देता है। पांच अगस्त को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में बांग्लादेश में 230 से अधिक लोग मारे गए। इससे जुलाई के मध्य में शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद से मरने वालों की संख्या बढ़कर 560 हो गई।






