उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने बदरीनाथ और केदारनाथ समेत प्रदेश में स्थित चारों धाम और उनके संचालन के लिए गठित समिति के नाम से मिलते-जुलते नामों का प्रयोग रोकने को लेकर कड़े कानून लागू करने का गुरुवार को निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि संज्ञान में आया है कि व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा उत्तराखंड में स्थित चार धाम-बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम और अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम या इनके संचालन के लिए गठित ट्रस्ट या समिति के नाम से मिलते-जुलते नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट या समिति बनाई जा रही है।
प्रकार की गतिविधियों से लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने के अलावा स्थानीय परंपराओं एवं धार्मिक मान्यताओें को भी ठेस पहुंचती है तथा स्थानीय स्तर पर आक्रोश फैलने की आशंका भी रहती है। बगौली ने कहा कि इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने कड़े विधिक प्रावधान लागू करने का निर्णय किया है। राज्य मंत्रिमंडल का यह निर्णय हाल में दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के प्रस्तावित निर्माण को लेकर उठे विवाद के बीच आया है। बगौली ने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल ने दून विश्वविद्यालय में आगामी अकादमिक सत्र से ‘सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज’ प्रारंभ किए जाने का निर्णय भी लिया।
बीते कई दिनों से केदारनाथ की तरह दिल्ली में मंदिर बनाने को लेकर विवाद चल रहा है। इसको लेकर साधु-संतों में काफी नाराजगी देखने को मिली है। साधु-संतों ने दिल्ली में केदारनाथ की तरह मंदिर बनाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। इसके बाद ही धामी सरकार ने यह फैसला लिया है। धामी सरकार कानून बनाने जा रही है जिसमें चारों धामों की मंदिर के नाम या उनसे मिलते-जुलते नाम का उपयोग करने पर सख्त कानून बनाने जा रही है। इसके बाद इन नामों के उपयोग पर रोक लगाई जाएगी।