✍️ गहरी आँखों का आर्टवर्क और उसमें लिखी यह अनोखी पंक्तियाँ –”किसी ने धूल क्या फेंकी आँखों में..कमबख्त…पहले से बेहतर दिखने लगा…”

Date:

Share post:

विस्तृत विवेचन

यह शायरी केवल आँखों में पड़ी धूल की बात नहीं करती, बल्कि जीवन के गहरे दर्शन को उजागर करती है।
“धूल फेंकना” यहाँ धोखे, छल और कठिनाइयों का प्रतीक है। जब कोई हमें तकलीफ़ देता है, तो वह हमारी आँखों में धूल झोंकने जैसा होता है।

लेकिन जैसे आँखों में धूल पड़ने पर हम उन्हें धोते हैं और वे और साफ़ हो जाती हैं, वैसे ही धोखे और मुश्किलें भी हमारी समझ और नज़र को और गहरी और चमकदार बना देती हैं।

कमबख्त” शब्द यहाँ शिकायत भी है और व्यंग्य भी। जिसने धोखा दिया, उसी ने हमारी आँखें खोल दीं और हमें असलियत पहले से ज्यादा साफ़ दिखने लगी।

इसका सबसे बड़ा संदेश है – बुरे अनुभव और कठिनाइयाँ हमें गिराते नहीं, बल्कि और मज़बूत और समझदार बना देते हैं। धोखा और दर्द हमें जीवन की गहराइयों को देखने और सही दृष्टिकोण पाने की ताक़त देते हैं।


Sandip Vengurlekar जी (Goa) की कलम से लिखा यह जीवन-दर्शन
हमें यह सिखाता है कि –
धोखे और मुश्किलें भी इंसान को और बेहतर बना देती हैं।

Related articles

🎬✨ 🔥 बॉलीवुड की बड़ी खबर — सनी पा जी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ 🔥 ✨🎬जन कल्याण टाइम न्यूज़, मुंबई की ओर से विशेष...

बॉलीवुड के शक्तिशाली अभिनेता, एक्शन के बादशाह और देश के गर्वसनी देओल जी के जन्मदिन पर आज पूरी...

🌟 प्रेरणादायक दीपावली विशेष संदेश 🌟✍️ By — राजेश लक्ष्मण गवाडे📰 जन कल्याण टाइम न्यूज़, मुंबई के माध्यम से

राजेश लक्ष्मण गावड़े मुख्य संपादक जन कल्याण टाइम 🎙️ “खुद को सही साबित करने में ताकत मत लगाना…”यह वाक्य...

🌟 शीर्षक : “दीपावली का असली प्रकाश — आत्मा के उजाले की ओर” 🌟प्रेरणादायक संदेश : राजेश भट्ट (मुंबई), बॉलीवुड लेखक व निर्देशक माध्यम...

धनंजय राजेश गावड़े ( प्रेस फोटोग्राफर नवसारी गुजरात) 🪔 “जब एक दिया जलता है, तो केवल अंधकार नहीं मिटता,...