
मुंबई/नवी मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ, मुंबई ने कैलाश बबन पोखरकर द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका सिडको (CIDCO) द्वारा महाराष्ट्र क्षेत्रीय योजना और नगर नियोजन अधिनियम के तहत 11 जुलाई को जारी आदेश के खिलाफ दायर की गई थी। अदालत ने याचिकाकर्ता पर 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सैवीरा अपार्टमेंट निकला अवैध निर्माण
सिडको के मुताबिक, नवी मुंबई परियोजना के तहत अधिग्रहित घनसोली, सेक्टर-17, सर्वे क्रमांक 47, प्लॉट ए-3 पर ‘सैवीरा अपार्टमेंट’ नामक इमारत खड़ी की गई थी। इसमें आरसीसी ग्राउंड फ्लोर के ऊपर पांच मंजिलों का निर्माण किया गया था, जो पूरी तरह से अनधिकृत पाया गया। इसी आधार पर सिडको ने इमारत गिराने और दंडात्मक कार्रवाई का आदेश पारित किया था।
नोटिस के बावजूद नहीं रोका अवैध काम
22 दिसंबर 2023 को सिडको ने स्थल निरीक्षण में पाया कि उक्त भूखंड पर अवैध निर्माण चल रहा था। इसके लिए सुरेश भोसले को नोटिस जारी की गई, लेकिन अनधिकृत निर्माण हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद 29 फरवरी 2024 को निर्माण को बेदखल किया गया।
बार-बार दोहराया गया उल्लंघन
बेदखली के बाद भी संबंधित पक्ष ने फिर से नया अवैध निर्माण शुरू कर दिया। इस पर सिडको ने दोबारा नोटिस जारी की। लेकिन बबन पोखरकर ने इसके खिलाफ बेलापुर की सिविल अदालत में वाद दायर किया। हालांकि, 2 फरवरी 2024 को अदालत ने अवैध निर्माण पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी। इसके बाद 7 जून 2024 को सिडको ने फिर से निर्धारित प्रक्रिया से अवैध निर्माण को बेदखल कर दिया। सिडको का कहना है कि बिना वैधानिक अनुमति किए गए किसी भी प्रकार के निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हाईकोर्ट के फैसले से यह साफ हो गया है कि अवैध निर्माण करने वालों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।