
अमेरिका के दक्षिणी वर्जीनिया राज्य के पिट्सिल्वेनिया काउंटी में बुधवार को एक गंभीर घटना हुई, जहां कई पुलिस अधिकारियों को गोली मारी गई। यह जानकारी वर्जीनिया के सांसद जॉन मैग्वायर ने सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने लिखा कि उनकी प्रार्थनाएं घायल डिप्टी और उनके परिवारों के साथ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और इस मुश्किल घड़ी में सभी के साथ खड़े हैं।
घटनास्थल से आई तस्वीरों और वीडियो में बड़ी संख्या में पुलिस और इमरजेंसी गाड़ियों को खड़ा देखा गया। पिट्सिल्वेनिया काउंटी वर्जीनिया के दक्षिणी हिस्से में है, जो नॉर्थ कैरोलिना की सीमा के पास स्थित है और रैले शहर से करीब 158 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि घटना किस वजह से हुई और कितने अफसर घायल हैं। जांच जारी है।
अंतरिक्ष उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी वाणिज्यिक अंतरिक्ष उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। आदेश में परिवहन सचिव के अधीन एक अंतरिक्ष वाणिज्य कार्यालय के निर्माण का आह्वान किया गया है। आदेश का उद्देश्य प्रतिस्पर्धी प्रक्षेपण बाजार को सक्षम करके अंतरिक्ष में अमेरिकी महानता को बढ़ाना भी है। इससे अगले पांच वर्षों में वाणिज्यिक अंतरिक्ष गतिविधियों में काफी वृद्धि हो सकती है। आदेश में प्राधिकरणों को निर्देश दिया गया है कि वे अमेरिका के अंतरिक्ष ऑपरेटरों के लिए वाणिज्यिक लाइसेंस और परमिट अपील की आवश्यकताओं को आसान बनाएं। पर्यावरणीय समीक्षाओं को कम करें या समाप्त करें।
टेक्सास में पहले ही दिन स्कूल बस हादसे का शिकार
टेक्सास में बुधवार को स्कूल खुलने के पहले ही दिन एक बड़ा हादसा हो गया। एक स्कूल बस, जिसमें 40 से ज्यादा छात्र सवार थे, एक ग्रामीण सड़क पर पलट गई। इस हादसे में कई छात्र घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि कम से कम एक व्यक्ति की हालत नाजुक है, जबकि दो अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, बस एक संकरी दो लेन की सड़क पर चल रही थी, जब वह अचानक दाईं ओर मुड़ गई और पलट गई। यह अभी साफ नहीं है कि बस किस वजह से सड़क से उतरी। जांच जारी है।
क्या हुआ बस को?
घटनास्थल की वीडियो फुटेज में पीली रंग की स्कूल बस सड़क के किनारे पलटी हुई दिखी। बस की छत को नुकसान पहुंचा है और कई खिड़कियां टूट गई हैं। बस में कुल 42 बच्चे सवार थे। ड्राइवर सहित 12 लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि गंभीर रूप से घायल व्यक्ति छात्र है या ड्राइवर।
आयरलैंड में हमलों के बाद भारतीय स्वदेश लौट रहे
आयरलैंड में भारतीयों पर हो रहे हमलों से लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पिछले हफ्ते डबलिन में एक भारतीय पर हुए हमले के बाद लोग स्वदेश लौटना शुरू कर दिए हैं। डबलिन में हमले के शिकार शख्स ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि रविवार शाम को फेयरव्यू पार्क से घर लौटते वक्त तीन लोगों ने उस पर हमला किया। उसने भागने की कोशिश की तो लोगों ने उसे लातों-घूंसों से बहुत पीटा। उसकी आंख में गहरा घाव हो गया। घायल को अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं, आयरिश पुलिस ने कहा कि वह घटना की जांच कर रही है। पीड़ित ने कहा कि भारत में रहने वाले उसके माता-पिता हमले के बाद चिंतित थे। उन्होंने उसके लौटने की सभी व्यवस्था कर दी। पीड़ित ने कहा कि उसके कई दोस्त बाहर जाने से डर रहे। कई ने भारत लौटने की तैयारी शुरू कर दी है।
फिलाडेल्फिया में ब्रिंक ट्रक से 8 लाख डॉलर की लूट
अमेरिका के फिलाडेल्फिया क्षेत्र में बख्तरबंद कैश ट्रकों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को एक एच मार्ट स्टोर के बाहर ब्रिंक कंपनी के ट्रक से दो हथियारबंद बदमाशों ने 7 से 8 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 6.6 करोड़ रुपये) लूट लिए। पुलिस के मुताबिक, दोनों लुटेरे एक AR-15 जैसी राइफल और हैंडगन से लैस थे। लूट के बाद वे फरार हो गए और कुछ दूरी पर अपनी गाड़ी छोड़ दी। इस दौरान कोई गोलीबारी नहीं हुई और न ही कोई घायल हुआ।
ट्रंप सरकार को मिली राहत, विदेशी मदद रोकने के फैसले पर अपीलीय अदालत ने हटाया रोक
अमेरिका की एक अपीलीय अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ी राहत दी है। बुधवार को तीन जजों की एक बंटी हुई पीठ ने फैसला सुनाया कि ट्रंप प्रशासन कांग्रेस द्वारा स्वीकृत विदेशी मदद की फंडिंग को रोक सकता है या खत्म कर सकता है। यह मामला जनवरी 2024 से जुड़ा है, जब ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन एक कार्यकारी आदेश जारी कर विदेशों को दी जा रही सहायता राशि पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। इसके खिलाफ कई विदेशी सहायता पाने वाले संगठनों ने अदालत में याचिका दायर की थी। जिला न्यायाधीश अमीर अली ने याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रंप प्रशासन को आदेश दिया था कि वह 2024 बजट वर्ष के लिए कांग्रेस द्वारा स्वीकृत संपूर्ण विदेशी सहायता राशि जारी करे।
हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वे वाइंस्टीन को एक बार फिर हो सकती है सजा
हॉलीवुड के विवादित फिल्म प्रोड्यूसर हार्वे वाइंस्टीन पर चल रहे यौन शोषण मामले में अब भी पूरी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। न्यूयॉर्क के मैनहैटन में जज कर्टिस फार्बर ने बुधवार को कहा कि वह वाइंस्टीन को 30 सितंबर को सजा सुना सकते हैं, लेकिन ये तभी होगा जब एक लंबित आरोप पर दोबारा ट्रायल नहीं होता। बता दें कि 73 वर्षीय वाइंस्टीन को जून में दोषी ठहराया गया था, जब यह साबित हुआ कि उन्होंने साल 2006 में टीवी और फिल्म प्रोडक्शन असिस्टेंट मिरियम हेली पर जबरन यौन उत्पीड़न किया था। इस अपराध के लिए वाइंस्टीन को 25 साल तक की सजा हो सकती है।
ट्रंप प्रशासन की गर्भनिरोधक छूट नियम खारिज
अमेरिका में एक संघीय अदालत ने बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में बनाए गए उस नियम को रद्द कर दिया, जिसमें नियोक्ताओं को धार्मिक या नैतिक आधार पर कर्मचारियों को गर्भनिरोधक बीमा कवर देने से छूट दी गई थी। यह फैसला फिलाडेल्फिया की डिस्ट्रिक्ट जज वेंडी बीटलस्टोन ने सुनाया। उन्होंने कहा कि 2018 के ये नियम उचित आधार पर नहीं टिकते और ट्रंप प्रशासन द्वारा पेश किए गए तर्क कमजोर हैं। सरकार ने दावा किया था कि ये नियम धार्मिक नियोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी हैं।
मामला क्या था?
बता दें कि यह मामला पेंसिल्वेनिया और न्यू जर्सी राज्यों द्वारा दाखिल एक याचिका से जुड़ा था, जो 2020 में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी आधार पर नियम को सही ठहराया था लेकिन उसके वास्तविक औचित्य पर कोई टिप्पणी नहीं की थी।
अब मानवाधिकार के मुद्दे पर अमेरिका का भारत पर निशाना
अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद अब मानवाधिकार के मुद्दे पर निशाना साधा है। ट्रंप प्रशासन की ओर से जारी संक्षिप्त मानवाधिकार रिपोर्ट में भारत में मानवाधिकारों के हनन का उल्लेख किया गया है। कहा गया है कि भारत सरकार ने मानवाधिकारों के हनन से निपटने के लिए न्यूनतम विश्वसनीय या नए कदम उठाए। माना जा रहा है कि मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए रिपोर्ट में मानवाधिकार को लेकर भारत पर निशाना साधा गया है।
ट्रंप प्रशासन ने विश्वभर में मानवाधिकारों पर वार्षिक अमेरिकी सरकार की रिपोर्ट को छोटा कर दिया है। इसमें राष्ट्रपति ट्रंप के साझेदार रहे कुछ सहयोगियों और देशों की आलोचना में नाटकीय रूप से नरमी आई है। लेकिन भारत को लेकर सख्ती बरती गई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने मानवाधिकार का हनने करने वाले अधिकारियों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने के लिए न्यूनतम विश्वसनीय कदम उठाए या कार्रवाई की।
दक्षिण कोरिया में भारी बारिश से एक व्यक्ति की मौत
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में दो दिनों से जारी मूसलाधार बारिश से एक व्यक्ति की मौत हो गई। यहां भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई। इससे सैकड़ों सड़कें और घर क्षतिग्रस्त हो गए तथा लगभग 1,000 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। गुरुवार दोपहर को बारिश धीमी हो गई तथा दक्षिण कोरिया की मौसम एजेंसी ने पूर्वानुमान लगाया है कि दिन में बाद में इसमें और कमी आएगी। सियोल के कुछ हिस्सों और पाजू, इंचियोन और जिम्पो सहित आसपास के शहरों में लगभग 270 से 320 मिलीमीटर बारिश हुई। सड़कों पर वाहन फंस गए और निवासियों को बाढ़ से क्षतिग्रस्त संपत्तियों से सामान बचाने में परेशानी हुई। आपातकालीन कर्मचारियों ने कम से कम 145 लोगों को बचाया और सड़क यातायात बाधित होने की सैकड़ों रिपोर्टों पर कार्रवाई की। मंत्रालय ने बताया कि 800 से अधिक लोगों को घर खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा तथा गुरुवार सुबह 11 बजे तक 759 लोग अपने घर वापस नहीं लौट पाए थे। बारिश के कारण उड़ानों में बाधा आने की कोई खबर नहीं है।