फडणवीस सरकार के ‘मंगल’ फैसले

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सरकार ने दिया बहनों को प्री-रक्षा बंधन गिफ्ट, महिला बचत गट के लिए उम्मीद मॉल
गांवों की कायापलट, मुख्यमंत्री समृद्ध पंचायती राज अभियान को मंजूरी
किसानों की फसल का उचित दाम दिलाने के लिए ‘ई-नाम’ योजना
गोंदिया, रत्नागिरी, वाशिम पिंपरी-चिंचवड़ में विशेष न्यायालयों को मंजूरी
महाराष्ट्र और गोवा वकील परिषद को अधिवक्ता अकादमी के लिए भूमि आवंटित

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मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई। इस बैठक में 10 जिलों में ‘उम्मीद मॉल’, तीन जिलों में विशेष अदालतें, मुख्यमंत्री समृद्धि पंचायत राज अभियान सहित कुल 8 महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन फैसलों खासकर उम्मीद मॉल एवं महिलाओं के यौन शोषण मामलों में आरोपियों के खिलाफ झटपट कार्रवाई के लिए स्पेशल कोर्ट को मंजूरी देकर सीएम फडणवीस ने रक्षाबंधन से पहले बहनों को राखी का गिफ्ट दे दिया। बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ अन्य मंत्री भी मौजूद थे।

गांवों का कायापलट
राज्य के गांवों का कायापलट करने के लिए कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री समृद्धि पंचायत राज अभियान’ शुरू करने का निर्णय लिया। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 से चार स्तरों, तालुका, जिला, राजस्व विभाग और राज्य, पर ग्राम पंचायतों, पंचायत समिति और जिला परिषदों के लिए ‘मुख्यमंत्री समृद्धि पंचायत राज अभियान’ पुरस्कार अभियान के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गई। अभियान में पुरस्कारों के लिए प्रतिवर्ष 290 करोड़ 33 लाख रुपए का प्रावधान करने को भी मंजूरी दी गई। अभियान में 1,902 पुरस्कार दिए जाएंगे और अभियान की अवधि 17 सितंबर से 31 दिसंबर, 2025 तक होगी।

ग्रामीण महिला बचत गटों के उत्पादों को मिलेगा सशक्त मंच, राज्य के 10 जिलों में स्थापित किए जाएंगे ‘उमेद मॉल’
राज्य सरकार ने ग्रामीण महिला बचत गटों को आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाने तथा उनके उत्पादों को स्थायी व सशक्त बाजार उपलब्ध कराने हेतु ‘उमेद-महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नती अभियान’ के अंतर्गत ‘उमेद मॉल’ (जिला विक्रय केंद्र) स्थापित करने का फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस योजना के प्रथम चरण के तहत राज्य के 10 जिलों में ‘उमेद मॉल’ स्थापित किए जाएंगे, जिनके लिए कुल 200 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की गई है। इस योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को एक स्थायी व संगठित बाजार प्रदान करना है। इससे महिलाओं की स्थानीय से राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच सुनिश्चित होगी।

महिलाओं के लिए स्पेशल कोर्ट
महिलाओं के यौन शोषण के मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए गोंदिया, रत्नागिरी और वाशिम में विशेष अदालतों की स्थापना को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। इन तीन नव स्थापित अदालतों के लिए, प्रत्येक में 5 नियमित पद (1 जिला और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, 1 आशुलिपिक, 1 अधीक्षक, 1 वरिष्ठ क्लर्क, 1 कनिष्ठ क्लर्क) और प्रत्येक में 2 जनशक्ति सेवाएं (1 कांस्टेबल, 1 कांस्टेबल) बाहरी तंत्र के माध्यम से अनुमोदित की गई हैं। अब तक राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए 27 विशेष अदालतें स्थापित की गई हैं।

किसानों की फसल का उचित दाम दिलाने के लिए ‘ई-नाम’ योजना

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के किसानों को उनकी फसलों का वाजिब व उचित मूल्य दिलाने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर के बाजार से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा निर्णय लिया है। राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को हुई बैठक में ‘ई-नाम’ (इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार) योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न पणन (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1963 में संशोधन को मंजूरी दे दी। इस निर्णय के तहत राज्य में राष्ट्रीय नामांकित कृषि बाजारों की स्थापना को कानूनी रूप से सुलभ बनाया जाएगा, जिससे किसानों को देश भर के बाजारों तक पहुंच मिल सकेगी।

वर्धा के ‘बोर’ एवं ‘धाम’ सिंचाई परियोजनाओं को 428 करोड़ आवंटित

राज्य के वर्धा जिले में स्थित दो प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं बोर और धाम मध्यम प्रकल्प के नवीनीकरण एवं दुरुस्ती योजना के तहत कुल सरकार ने 428 करोड़ 96 लाख रुपए की धनराशि आवंटित करने का फैसला किया है। यह प्रकल्प वर्धा नदी पर वर्ष 1967 में बोरी गांव के समीप निर्मित किया गया था। इस डैम की जलसंग्रह क्षमता 134.542 दस लाख घन मीटर है। जबकि इसके उपयोग की क्षमता 123.212 दस लाख घन मीटर है। इससे 16 हजार 194 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाती है, जिससे सेलू और समुद्रपूर तहसील के 77 गांवों को लाभ होता है। दीर्घकालीन उपयोग एवं अतिवृष्टि के कारण इन प्रकल्पों की हालत खराब हो गई थी। जिसके तहत सरकार ने अब इन्हें उबारने का फैसला किया है।

अधिवक्ता अकादमी के लिए भूमि आवंटित
महाराष्ट्र सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में महाराष्ट्र और गोवा वकील परिषद, मुंबई को ठाणे के कलवा में अधिवक्ता अकादमी की स्थापना के लिए जमीन देने की स्वीकृति दे दी है। यह अकादमी महाराष्ट्र और गोवा के लगभग दो लाख अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण, कल्याणकारी गतिविधियों, कानून सुधारों को बढ़ावा देने, महिला अधिवक्ताओं के लिए शैक्षणिक शिविर, प्रशिक्षण, परिसंवाद एवं परिषदों के आयोजन के लिए महत्वपूर्ण होगा। वर्तमान में वकील परिषद मुंबई उच्च न्यायालय परिसर में सीमित जगह पर कार्यरत है, ऐसे में इस नई भूमि पर अधिवक्ता अकादमी बनने से परिषद के कार्यों को और व्यापक रूप से संचालित करने में सुविधा होगी।

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