
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान को करारा जवाब देने के बाद भारतीय सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि अब पूरा पाकिस्तान हमारी रेंज में है। वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने कहा है कि दुश्मन को अब कहीं भी छिपने के लिए गहरा गड्ढा खोजना होगा।
ऑपरेशन सिंदूर से दिखाई सैन्य शक्ति
एक साक्षात्कार में जनरल कुन्हा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेनाओं ने यह दिखा दिया कि उनके पास अत्याधुनिक और सटीक मारक क्षमता वाले हथियार हैं, जो दुश्मन के ठिकानों को दूर से भी निशाना बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी सेना का मुख्यालय रावलपिंडी से हटाकर खैबर पख्तूनख्वा या किसी और क्षेत्र में भी ले जाए, तो वह भी भारतीय हथियारों की जद में होगा।
आधुनिक हथियारों से दी कड़ी चेतावनी
जनरल कुन्हा ने कहा कि भारत के पास अब ऐसे अत्याधुनिक स्वदेशी हथियार, लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें और प्रहारक ड्रोन हैं, जो पाकिस्तान के भीतर किसी भी लक्ष्य को खत्म करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य साफ है – देश की संप्रभुता और नागरिकों की रक्षा। इसके लिए जो करना होगा, वो किया जाएगा।”
‘ड्रोन हमलों में नहीं हुआ कोई नुकसान’
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान भारतीय छावनियों और नागरिक इलाकों पर पाकिस्तानी ड्रोन हमलों की आशंका थी, लेकिन भारतीय सेना की तत्परता और रणनीतिक तैयारी के चलते कोई हताहत नहीं हुआ। सेना ने पहले ही अपने जवानों और नागरिकों को आश्वस्त किया था कि सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता है।
‘शिशुपाल सिद्धांत’ पर आधारित रहा ऑपरेशन
लेफ्टिनेंट जनरल कुन्हा ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत के ‘शिशुपाल सिद्धांत’ से जोड़ते हुए कहा कि भारतीय सेना ने धैर्य रखा, उकसावे के बावजूद संयम दिखाया और फिर जब वक्त आया, तब सटीक व निर्णायक प्रहार किया। यह संदेश आतंकवाद और सीमा पार दुश्मनों को साफ तौर पर गया है कि भारत अब किसी भी हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगा।
सेनाओं के बीच बेहतरीन समन्वय
उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन के दौरान तीनों सेनाओं – थल, वायु और नौसेना – के बीच गजब का समन्वय देखने को मिला। एयर डिफेंस यूनिट्स ने दुश्मन के ड्रोन को हवा में ही खत्म कर दिया और पूरी योजना में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर भविष्य की युद्ध तैयारियों का भी संकेत दिया। जनरल कुन्हा ने कहा कि भारतीय सेनाओं के इस साहसिक ऑपरेशन पर आज देश का हर नागरिक, हर सैनिक और उनका परिवार गर्व महसूस कर रहा है। यह ऑपरेशन केवल एक जवाबी हमला नहीं था, बल्कि यह भविष्य की रणनीतिक चेतावनी भी है – अब भारत चुप नहीं रहेगा।