

राजेश लक्ष्मण गावड़े
मुख्य संपादक (जन कल्याण टाइम)
नमस्कार मेरे प्यारे दर्शको,
मैं हूँ आपका अपना — B Ashish
कई बार ज़िंदगी ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है,
जहां पीछे अंधेरा होता है और आगे रास्ता ही नहीं दिखाई देता।
तब लगता है — कोई नहीं है मेरे साथ…
लेकिन यहीं पर एक आवाज़ भीतर से आती है —
“मैं हूं… और जब तक मैं हूं, हार नामुमकिन है।”
जब सपने टूटे, तो आंसू नहीं — हौसला निकला।
जब अपनों ने छोड़ा, तो शिकवा नहीं — सीख मिली।
जब दुनिया ने ठोकर मारी, तो रास्ता नहीं — हिम्मत बनी।
लोग कहते हैं — “साथ कौन देगा?”
मैं कहता हूँ — “जब तक साँसें हैं, साथ भी है — खुद का।”
क्योंकि असली साथी ना भीड़ में मिलता है, ना तालियों में,
वो मिलता है — तन्हाई में खुद से की गई बातें और
खुद से किया गया एक वादा — कभी हार नहीं मानूंगा।
आपका शरीर, आपका आत्मबल, आपका विश्वास —
यही हैं आपकी असली सेना।
ना ये थकते हैं, ना ये सवाल करते हैं,
बस एक शर्त पर चलते हैं — जब आप खुद को खुद का साथ देना सिख जाएं।
गिरो तो भी खुद को उठाओ,
डरो तो भी खुद को समझाओ,
और चलो — तो फिर पीछे मत देखो।
क्योंकि जिसने खुद का हाथ थाम लिया,
उसका रास्ता कोई बंद नहीं कर सकता।
आज से, अभी से, इस वक्त से —
एक वादा खुद से करो —
“मैं खुद के साथ खड़ा रहूंगा, जब तक यह साँस चलती है।”
यही है मेरा संदेश —
“मनुष्य का सबसे सच्चा साथी और कोई नहीं — खुद वह स्वयं है।”
— आपका अपना,
B Ashish (RLG Production)