

राजेश लक्ष्मण गावड़े
मुख्य संपादक (जन कल्याण टाइम)
🎭 कॉमेडी स्केच: “साल में कितनी रातें?”
पात्र:
बी आशिष – प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता और स्टैंडअप कॉमेडियन
राकेश कुमार – देसी अंदाज़ में सवाल पूछने वाले हास्य कलाकार
राकेश कुमार:
“भाई बी आशिष, एक सवाल पूछना है – साल में कितनी रातें होती हैं?”
बी आशिष:
(गंभीरता से सोचते हुए) “देख भाई, मेरे हिसाब से तो 10 रातें होती हैं।”
राकेश कुमार:
(हैरानी से) “क्या? सिर्फ 10 रातें? बाकी 355 दिन कहाँ गए?”
बी आशिष:
“अरे सुन – दशहरा की रात, दीवाली की रात, होली की रात, शादी की रात, शब-ए-बारात, काली रात, अमावस्या की रात, न्यू ईयर की रात, करवाचौथ की रात… और सुहागरात!”
राकेश कुमार:
“तो बाकी 355 दिन क्या दिन में ही सो जाते हैं?”
बी आशिष:
“नहीं रे, मेरे हिसाब से ‘रात’ वही होती है जिसमें कुछ धमाका हो… वर्ना बाकी तो बिजली चली जाती है और मच्छर धमाका करते हैं!”
(दोनों हँसते हैं, दर्शकों की तालियाँ)
राकेश कुमार:
“तेरी बीवी क्या कहती है तेरे इस ज्ञान के बारे में?”
बी आशिष:
“अरे भाई, उसने तो कह दिया – ‘अगर इतनी अक्ल तुझमें शादी से पहले होती, तो तुझसे शादी नहीं करती!'”
राकेश कुमार:
“भाभी ने सटीक जवाब दिया भाई!”
(हँसी और तालियों की गूंज)
राकेश कुमार:
“चलो भाई, आखिरी सवाल – अगर रातें 10 ही होती हैं, तो तेरा बिजली का बिल साल में कितना आता है?”
बी आशिष:
“बिल नहीं आता भाई… क्योंकि हम तो रातों में सपने देखते हैं और सपनों में सब कुछ फ्री है!”
राकेश कुमार:
“वाह भाई वाह! ऐसा फ्री का आइडिया सिर्फ बी आशिष ही दे सकता है!”
(दोनों हँसते हैं, मंच पर तालियों की बौछार होती है)
बी आशिष:
“तो दोस्तों, उम्मीद है आपको हमारी ‘10 रातों’ की कॉमेडी पसंद आई होगी।”
राकेश कुमार:
“अगर हँसी आई हो, तो लाइक ठोकिए, शेयर कीजिए और RLG प्रोडक्शन को सब्सक्राइब कीजिए।”
दोनों साथ में:
“क्योंकि हँसी बाँटने से बढ़ती है!”