

मुंबई। मुंबई को मलेरिया से मुक्त बनाने के लिए मई महीने से विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत मच्छर उत्पत्ति वाले स्थानों की पहचान ड्रोन के माध्यम से की जाएगी, और व्हाट्सएप के जरिए नागरिकों में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाएगा। इस अभियान के लिए 1-3-7 रणनीति को लागू करने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी गुरुवार को बीएमसी मुख्यालय में मनपा आयुक्त भूषण गगरानी की अध्यक्षता में मच्छर उन्मूलन समिति की समीक्षा बैठक में दी गई। इस रणनीति के तहत, पहले दिन मलेरिया बुखार के मरीजों का पता लगाया जाएगा, तीसरे दिन उन क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया जाएगा जहां मरीज पाए गए हैं, और सातवें दिन फिर से इन क्षेत्रों में निवारक उपाय किए जाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया में मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करने, मरीजों की पहचान और उनका इलाज सुनिश्चित किया जाएगा।
विभागवार योजना और सहयोग
बैठक में गगरानी ने मच्छर उन्मूलन के लिए विभिन्न सरकारी और अर्ध-सरकारी संगठनों को एक साथ काम करने की सलाह दी। सभी एजेंसियों को एकजुट होकर काम करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस अभियान में निजी अस्पतालों और क्लीनिकों की भी अहम भूमिका होगी, जो मरीजों को ट्रैक करेंगे और उनका इलाज सुनिश्चित करेंगे।
“भाग मच्छर भाग” मोबाइल एप्लिकेशन
मच्छरों की रोकथाम के लिए एक नई मोबाइल एप्लिकेशन “भाग मच्छर भाग” भी लॉन्च की जाएगी, जिसके माध्यम से स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों में मच्छरों से बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता फैलायी जाएगी।
पिछले सालों में मलेरिया मरीजों की संख्या में वृद्धि
मनपा के अनुसार, पिछले दो वर्षों में मलेरिया के मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। 2024 में कुल 15.1 लाख रक्त नमूने लिए गए थे और 7,939 मरीज पाए गए थे। 2023 में यह संख्या 7,319 रही थी, जबकि 2022 में 3,985 मरीज मिले थे।



