




राजेश लक्ष्मण गावड़े
मुख्य संपादक (जन कल्याण टाइम)
यह जानकारी भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद से जुड़े विभिन्न पहलुओं को कवर करती है, जिसमें जीएसटी, आयकर लाभ, राज्य सरकारों की सब्सिडी, और अन्य प्रोत्साहन शामिल हैं।
- इलेक्ट्रिक वाहनों पर लागू जीएसटी (GST)
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दर अन्य पारंपरिक वाहनों (पेट्रोल/डीजल) की तुलना में काफी कम है, जिससे EVs की खरीद सस्ती हो जाती है।
जीएसटी दर: इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5% जीएसटी लागू होता है। यह दर 2019 में 12% से घटाकर 5% की गई थी।
तुलना: पेट्रोल/डीजल वाहनों पर जीएसटी 28% है, और कुछ बड़े वाहनों (जैसे SUVs) पर अतिरिक्त क्षतिपूर्ति उपकर (Cess) भी लागू होता है, जो 1% से 22% तक हो सकता है।
उदाहरण:
यदि एक इलेक्ट्रिक कार की कीमत (बिना टैक्स) 10 लाख रुपये है, तो जीएसटी = 10,00,000 × 5% = 50,000 रुपये।
वहीं, एक पेट्रोल कार (28% जीएसटी + 1% सेस) पर टैक्स = 10,00,000 × 29% = 2,90,000 रुपये।
बचत: इलेक्ट्रिक वाहन पर टैक्स में 2,40,000 रुपये की बचत।
नोट: जीएसटी की गणना वाहन की एक्स-शोरूम कीमत पर की जाती है। चार्जर या अन्य सहायक उपकरणों पर अलग से जीएसटी (आमतौर पर 18%) लागू हो सकता है। - आयकर छूट (Income Tax Benefits under Section 80EEB)
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए लोन लेने पर आयकर अधिनियम की धारा 80EEB के तहत टैक्स छूट मिलती है।
छूट की राशि: इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए लिए गए लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती।
पात्रता:
लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2023 के बीच स्वीकृत होना चाहिए।
लोन किसी बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) से लिया गया हो।
यह छूट केवल व्यक्तियों (Individuals) के लिए है, न कि कंपनियों या HUF (हिंदू अविभक्त परिवार) के लिए।
करदाता के नाम पर कोई अन्य वाहन रजिस्टर्ड नहीं होना चाहिए।
केवल लोन के ब्याज पर छूट मिलती है, मूलधन (Principal) पर नहीं।
उदाहरण:
मान लीजिए आपने 10 लाख रुपये का लोन लिया, और पहले साल में ब्याज के रूप में 1,80,000 रुपये चुकाए। आप 1.5 लाख रुपये तक की राशि पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
यदि आप 30% टैक्स स्लैब में हैं, तो टैक्स बचत = 1,50,000 × 30% = 45,000 रुपये।
नोट: यह छूट अन्य आयकर कटौतियों (जैसे धारा 80C) से अलग है। - केंद्र सरकार की सब्सिडी (FAME-II और PM E-DRIVE योजना)
केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए FAME-II (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles) और PM E-DRIVE योजनाओं के तहत सब्सिडी प्रदान करती है।
FAME-II योजना
लक्ष्य: इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करना।
सब्सिडी राशि:
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर: प्रति वाहन 10,000 रुपये तक।
इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर: बैटरी क्षमता के आधार पर 5,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा (kWh)।
इलेक्ट्रिक कार: अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक।
पात्रता: सब्सिडी केवल उन वाहनों पर मिलती है जो FAME-II के तहत पंजीकृत निर्माताओं से खरीदे गए हों।
PM E-DRIVE योजना
लॉन्च: 1 अक्टूबर 2024 से लागू, 31 मार्च 2026 तक प्रभावी।
बजट: 10,900 करोड़ रुपये।
सब्सिडी:
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर: 10,000 रुपये तक।
इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर: 2 Ascertain (L5 श्रेणी) के लिए 25,000 रुपये तक (8 नवंबर 2024 से 2,500 रुपये/kWh)।
लक्ष्य: 2025-26 तक 1,24,846 थ्री-व्हीलर वाहनों को समर्थन।
उदाहरण: एक इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (10 kWh बैटरी) पर सब्सिडी = 10 × 2,500 = 25,000 रुपये।
नोट: सब्सिडी की राशि सीमित है और पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दी जाती है। - राज्य सरकारों की सब्सिडी और छूट
कई राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त सब्सिडी और छूट प्रदान करती हैं। कुछ उदाहरण:
उत्तर प्रदेश
पॉलिसी: उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग और मोबिलिटी पॉलिसी, 2022।
सब्सिडी:
14 अक्टूबर 2022 के बाद खरीदे गए EVs पर सब्सिडी।
बिना बैटरी वाले वाहनों पर 50% सब्सिडी।
फ्लीट ऑपरेटर्स को अधिकतम 10 वाहनों पर लाभ।
आवेदन: upevsubsidy.in पोर्टल पर आवेदन करें।
जांच: चार स्तरीय दस्तावेज जांच के बाद सब्सिडी खाते में ट्रांसफर।
राजस्थान
पॉलिसी: राजस्थान इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (REVP), 2022।
सब्सिडी:
टू-व्हीलर: 5,000 से 10,000 रुपये (SGST प्रतिपूर्ति)।
थ्री-व्हीलर: 10,000 से 20,000 रुपये (बैटरी क्षमता के आधार पर)।
छूट: मोटर वाहन कर (रोड टैक्स) से छूट।
बजट: 40 करोड़ रुपये का प्रावधान।
दिल्ली
पॉलिसी: दिल्ली EV पॉलिसी, 2020।
इंसेंटिव:
टू-व्हीलर: 30,000 रुपये तक।
कार: 1.5 लाख रुपये तक।
ऑटो/ई-रिक्शा: 30,000 रुपये तक।
छूट: रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस माफ।
अन्य राज्य
तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्यों में भी रोड टैक्स छूट और SGST प्रतिपूर्ति जैसे लाभ उपलब्ध हैं। - अन्य वित्तीय लाभ
रोड टैक्स छूट: दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु जैसे राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स पूरी तरह माफ है।
रजिस्ट्रेशन शुल्क: दिल्ली और अन्य शहरों में EVs पर रजिस्ट्रेशन शुल्क कम या माफ।
ग्रीन टैक्स छूट: EVs को 15 साल बाद RC रिन्यूअल पर ग्रीन टैक्स से छूट।
संचालन लागत: इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रति किलोमीटर लागत पेट्रोल/डीजल वाहनों से कम है। उदाहरण के लिए, टेस्ला रोडस्टर 394 किमी प्रति चार्ज चलती है, और घर पर 220V आउटलेट से 3.5 घंटे में चार्ज हो जाती है। - कुल लागत और बचत का उदाहरण
मान लीजिए आप एक इलेक्ट्रिक कार (10 लाख रुपये, एक्स-शोरूम) खरीदते हैं:
जीएसटी: 10,00,000 × 5% = 50,000 रुपये।
FAME-II/PM E-DRIVE सब्सिडी: अधिकतम 1.5 लाख रुपये।
राज्य सब्सिडी (दिल्ली): 1.5 लाख रुपये।
रोड टैक्स/रजिस्ट्रेशन छूट: लगभग 50,000 रुपये (पेट्रोल कार की तुलना में)।
आयकर छूट: लोन ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की कटौती (टैक्स बचत ~45,000 रुपये 30% स्लैब में)।
कुल बचत: 1,50,000 + 1,50,000 + 50,000 + 45,000 = 4,95,000 रुपये।
अंतिम कीमत: 10,00,000 + 50,000 – 4,95,000 = 5,55,000 रुपये (लगभग)। - शुभ मुहूर्त (वैकल्पिक जानकारी)
भारत में वाहन खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त देखने की परंपरा है। 2025 के लिए कुछ शुभ तिथियां:
जनवरी 2025: 2, 6, 13, 19, 20, 22, 24, 31।
दिसंबर 2025: 1, 4, 5, 7, 8, 14, 15, 17, 24, 25, 26, 28।
शुभ नक्षत्र: स्वाति, पुनर्वसु, शतभिषा, धनिष्ठा।
राहु काल से बचें: यह अशुभ माना जाता है। - ध्यान देने योग्य बातें
सब्सिडी सीमित: FAME-II और PM E-DRIVE योजनाओं में सब्सिडी की संख्या सीमित है। जल्दी आवेदन करें।
दस्तावेज जांच: राज्य सब्सिडी के लिए कड़े दस्तावेज सत्यापन की आवश्यकता होती है।
लोन ब्याज: आयकर छूट केवल लोन के ब्याज पर लागू होती है, मूलधन पर नहीं।
इंश्योरेंस: EVs के लिए थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है। - निष्कर्ष
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि कम जीएसटी (5%), आयकर छूट (1.5 लाख रुपये), केंद्र और राज्य सरकारों की सब्सिडी (1-1.5 लाख रुपये), और रोड टैक्स/रजिस्ट्रेशन छूट के कारण आर्थिक रूप से भी लाभकारी है। कुल मिलाकर, एक 10 लाख रुपये की EV पर 4-5 लाख रुपये तक की बचत संभव है।



