लाडकी बहिन’ की भेंट चढ़ेंगी दो योजनाएं! अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए तरीका ढूंढ रही फडणवीस सरकार

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महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार इस समय राज्य की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए पापड़ बेल रही है। चुनाव जीतने के लिए सरकार ने लाडकी बहिन योजना का इस्तेमाल किया उसे संभालने के लिए सरकार इन योजनाओं की बलि चढ़ाने की सोच रही है।

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महायुति सरकार ने लाडकी बहिन योजना की शुरुआत तो कर ली। लेकिन अब उसे आगे जारी रखने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं बचा है। अब चुनावी जीत में इस योजना का बहुत बड़ा हाथ रहा है, इसलिए अब सरकार इसे बंद भी नहीं कर सकती। लाडकी बहिन की आखिरी किस्त के लिए और राज्य की अर्थव्यवस्था को वापस से पटरी पर लाने के लिए अन्य योजनाओं की बलि चढ़ाने का विचार कर रही है।

महाराष्ट्र सरकार राज्य की वित्तीय समस्याओं को कम करने की कोशिश में दो प्रमुख योजनाओं, शिव भोजन थाली और आनंदाचा शिधा को बंद करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अधिकारियों को दोनों योजनाओं की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। जिसका फैसला मार्च में आगामी बजट सत्र के दौरान होने की उम्मीद है।

शिव भोजन थाली योजना पर गिर सकती है गाज

महाराष्ट्र सरकार ने 2020 में शुरू की शिव भोजन थाली योजना का मकसद गरीबों और जरूरतमंदों को किफायती भोजन उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत 10 रुपय की सब्सिडी दर पर दो चपाती, सब्जियां, चावल और दाल से बनी पूरी भोजन थाली दी जाती है। राज्य भर में 1,699 भोजनालयों में शिव भोजन थाली परोसी जा रही है, जिसमें 1,88,463 स्वीकृत थालियां हैं।

हर रोज करीब 1,80,000 थालियां बांटी जाती हैं। हर रोज 2 लाख थालियां परोसने का लक्ष्य रखा गया है। शिव भोजन की 2 लाख डेली प्लेट्स का वार्षिक खर्च करीब 267 करोड़ रुपये है, जिसके बारे में पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल का तर्क है कि गरीबों और जरूरतमंदों को मिलने वाले फायदों को देखते हुए यह लागत नगण्य है।

आनंदाचा शिधा योजना फेस्टिवल किट डिस्ट्रीब्यूशन प्रोग्राम

आनंदाचा शिधा स्कीम राज्य सरकार का फेस्टिवल किट डिस्ट्रीब्यूशन प्रोग्राम है। इस स्कीम का मकसद दीपावाली, गुड़ी पड़वा और डॉ। बाबासाहेब आंबेडकर जयंती जैसे त्यौहारों के दौरान पात्र लाभार्थियों को जरूरी चीजें प्रदान करना है। लाभार्थियों को 6 वस्तुओं के साथ एक किट मिलती है, जिसमें 1 किलो चीनी, 1 लीटर तेल, 500 ग्राम रवा, 500 ग्राम चना दाल, 500 ग्राम मैदा और 500 ग्राम पोहा शामिल है। ये किट 100 प्रति किट की रियायती दर पर बांटी जाती हैं। आनंदाचा शिधा योजना की वार्षिक लागत करीब 161 करोड़ (2022), 159 करोड़ (2023) और 160 करोड़ (2024) है।

योजना में कटौती का विरोध

पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल और एनसीपी (एसपी) नेता जितेंद्र आव्हाड ने संभावित कटौती का विरोध किया है। उन्होंने तर्क दिया कि ये योजनाएं गरीबों और वंचितों को जरूरी सहायता प्रदान करती हैं। भुजबल ने मुख्यमंत्री फडणवीस को पत्र लिखकर मांग की है कि राज्य के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों के लिए शुरू की गई शिव भोजन थाली योजना को भविष्य में भी पहले की तरह जारी रखा जाए। वहीं, जितेंद्र आव्हाड ने इन जरूरी प्रोग्राम्स में कटौती पर विचार करते हुए अन्य योजनाओं के विज्ञापनों पर करोड़ों खर्च करने के लिए सरकार की आलोचना भी की है।

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