
मुंबई, *पी.वी.आनंदपद्मनाभन* – महाराष्ट्र राज्य अधिकार संरक्षण आयोग के वर्ली स्थित कार्यालय में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत तथा निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (आरटीई) अधिनियम २००९ के तहत प्राप्त शिकायतों पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत ३५ मामलों पर सुनवाई की

इसमें मुख्य रूप से पॉक्सो कानून के अंतर्गत प्राप्त शिकायतें शामिल थी. इस अवसर पर मुंबई शहर तथा उपनगर परिसर से संबंधित पुलिस थानों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, बाल कल्याण समिति, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, उपस्थित थे. साथ ही शिक्षा विभाग से संबंधित अधिकारी एवं पाठशालाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद थे.

सनवाई के लिए रखे गए लगभग सभी मामलों में पुलिस द्वारा समय सीमा के भीतर आरोपपत्र दायर किए गए जिसको लेकर आयोग ने पुलिस की प्रशंसा की. यह सभी मामले मौजूदा स्थिति में न्यायालय में लंबित है. इस पर उपाय के रूप में आयोग शीघ्र ही मार्गदर्शन तत्व तथा सिफारिश जारी करेगा. इसके कारण कानून का दुरुपयोग करने वालों पर नियंत्रण भी प्राप्त होगा और समय भी बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा.

महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष एडवोकेट सुशिबेन शाह, आयोग के सदस्य एडवोकेट संजय सेंगर, एडवोकेट नीलिमा चौहान, सायली पालखेडकर, एडवोकेट प्रज्ञा खोसरे की मौजूदगी में सुनवाई की गई.

इस सुनवाई में मुख्य रूप से पॉक्सो कानून के तहत प्राप्त शिकायतों का समावेश था साथ ही आयोग के पास दर्ज की गई अनेक शिकायत झूठी पाई गई. विशेष पुलिस निरीक्षक, महिला एवं बाल कल्याण अत्याचार प्रबंध विभाग, मुंबई कार्यालय की ओर से पुलिस उप- अधीक्षक सारा अभ्यंकर मौजूद थी.