अक्षय शिंदे की हत्या को लेकर सीआईडी को फटकार

Date:

Share post:

मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को बदलापुर स्कूल में बच्चियों के यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी की 23 सितंबर को कथित पुलिस मुठभेड़ में हत्या की जांच में लापरवाही बरतने के लिए महाराष्ट्र सीआईडी को फटकार लगाई। अदालत ने शिंदे के हाथों पर गोली के निशान और उसे दी गई पानी की बोतल पर फिंगरप्रिंट न होने पहलुओं को ‘असामान्य’ बताया।सीआईडी को निर्देश अदालत ने सीआईडी को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि मामले की जांच दो सप्ताह में पूरी हो जाए और सभी प्रासंगिक सामग्री मजिस्ट्रेट को सौंप दी जाए। मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी। पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ के समक्ष अक्षय शिंदे के पिता अन्ना अमृत शिंदे की ओर से वकील अमीत कटरनवरे की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान पीठ ने कहा कि मामले की जांच को हल्के में लिया गया है और इसमें कई खामियां हैं। पीठ ने मृतक अक्षय शिंदे के हाथों पर गोली के निशान न होने और उसे दी गई पानी की बोतल पर फिंगरप्रिंट न होने पर भी सवाल उठाए और इन्हें ‘असामान्य’ बताया और मामले की जांच कर रहे मजिस्ट्रेट को सौंपी जाने वाली सामग्री एकत्र करने में देरी के लिए सीआईडी को फटकार लगाई। पीठ ने फोरेंसिक रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि यह असामान्य है कि मृतक के हाथों पर गोली का कोई निशान नहीं पाया गया और पानी की बोतलों पर कोई फिंगरप्रिंट नहीं मिला। पीठ ने पूछा कि यह असामान्य बात है।

किसी व्यक्ति के हाथ पर निशान तीन से चार दिनों तक रहता है। क्या नमूना प्राप्त करने के लिए उचित प्रयास किए गए थे। पीठ ने कहा कि 12 बोतलों में से किसी पर भी एक भी फिंगरप्रिंट नहीं मिला। इस पर कैसे विश्वास किया जाए। पीठ ने कहा कि कानून के तहत हिरासत में हुई मौतों के मामलों में मजिस्ट्रेट जांच अनिवार्य है। हमारा प्रयास सच्चाई का पता लगाना है। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि हर सामग्री को एकत्र करके मजिस्ट्रेट के समक्ष रखा जाए और जांच सही तरीके से आगे बढ़े। हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं। पीठ ने कहा कि अदालत को यह देखना होगा कि जांच सही तरीके से की जाए और अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो सवाल उठता है कि ऐसा क्यों नहीं किया गया? पीठ ने कहा कि अगर मजिस्ट्रेट के समक्ष सभी सामग्री नहीं रखी जाती है, तो रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत नहीं की जाएगी। पीठ ने कहा कि आप (सीआईडी) मजिस्ट्रेट को विवरण न देकर प्रक्रिया में देरी क्यों कर रहे हैं? आप अभी भी बयान दर्ज कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि कानून के अनुसार मजिस्ट्रेट को सभी जानकारी दी जाए। रिपोर्ट आज आनी थी और पुलिस अभी भी बयान दर्ज कर रही है। पीठ ने कहा कि देखिए जांच को किस तरह हल्के में लिया गया है। मजिस्ट्रेट केवल यह देखेगा कि मौत हिरासत में हुई है या नहीं। अगर पुलिस उचित सामग्री भी प्रस्तुत नहीं करती है, तो मजिस्ट्रेट अपना काम कैसे करेगा? पीठ ने राज्य सीआईडी की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ से पूछा कि जांच में खामियों को सही ठहराने के लिए वह कब तक और किस हद तक जाएंगे। जांच किस तरह की जा रही है, यह देखने और कहने के लिए किसी विशेषज्ञ की जरूरत नहीं है। क्या है पूरा मामला ?पुलिस के मुताबिक इस साल 23 सितंबर को शिंदे ने एक पुलिस कर्मी की बंदूक छीन ली, जब उसे उसके खिलाफ दर्ज एक अन्य मामले की जांच के लिए तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था। उसने तीन राउंड फायर किए और जवाबी फायरिंग में वह गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। घटना ठाणे जिले के मुंब्रा बाईपास पर हुई। पुलिस के अनुसार घटना के समय शिंदे की हथकड़ी हटा दी गई थी, क्योंकि उसने पानी मांगा था, जो उसे वैन के अंदर एक बोतल में दिया गया था। शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने अपनी याचिका में दायर कर दावा किया था कि उनके बेटे की फर्जी मुठभेड़ में हत्या की गई थी। पिछले महीने हाईकोर्ट ने सीआईडी को निर्देश दिया था, जिसे राज्य सरकार ने जांच सौंपी थी कि वह सभी फोरेंसिक रिपोर्ट के साथ-साथ घायल पुलिस अधिकारी की मेडिकल रिपोर्ट भी पेश करे। 24 वर्षीय शिंदे को अगस्त में ठाणे जिले के बदलापुर स्थित एक स्कूल में दो नाबालिग बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

Related articles

झगड़े के बाद बाइक से उतरकर पैदल ही मायके चली गई महिला, गुस्साए पति ने काट डाला 4 साल की जुड़वां बेटियों का गला

आरोपी से पूछताछ करने के बाद, अंधेरा पुलिस ने अपनी फोरेंसिक टीम को उस जंगल में भेजा जहां...

उत्तरी कैरिबियन में तूफान मेलिसा, बाढ़ का खतरा; जापान ने नए कार्गो यान का किया सफल प्रक्षेपण

पश्चिम एशिया में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने दो और संयुक्त राष्ट्र कर्मियों को अगवा किया है। यमन...

✨🌸 The Importance of Time and Speech 🌸✍️ Written by: Rajesh Laxman Gavade📰 Editor-in-Chief, Jan Kalyan Time News, Mumbai💫 “Time and Speech – The...

राजेश लक्ष्मण गावड़े मुख्य संपादक जन कल्याण टाइम 🕊️ The Power of Words In a person’s life, words hold immense...

✨🌸 वक्त और वाणी की अहमियत 🌸✍️ लेखक: राजेश लक्ष्मण गवाड़े📰 Editor-in-Chief, Jan Kalyan Time News, Mumbai💫 “वक्त और वाणी – जीवन का असली...

राजेश लक्ष्मण गावड़े मुख्य संपादक जन कल्याण टाइम मनुष्य के जीवन में शब्दों का महत्व बहुत गहरा होता है।कभी-कभी...