पी वी आनंदपद्मनाभन
मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया. यह फैसला सभी मराठी नागरिकों के लिए सुखद है और इसका श्रेय उन सभी को जाता है जिन्होंने सच्चे अर्थों में शास्त्रीय साहित्य की संपदा तैयार की है, ऐसे शब्दों में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस फैसले पर अपनी खुशी इन शब्दों में व्यक्त की.
केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभावान लोगों ने शुक्रवार को मुंबई में उपमुख्यमंत्री श्री. फडणवीस से मिलकर निर्णय का स्वागत किया. तब श्री फडणवीस ने ये भावनाएं व्यक्त कीं. इस अवसर पर राज्य साहित्य संस्कृति मंडल के अध्यक्ष डॉ. सदानंद मोरे, शरणकुमार लिंबाले, पद्मश्री नामदेव कांबले, कवि प्रवीण दवणे, कौशल इनामदार, गायिका वैशाली सामंत, नरेंद्र पाठक, अभिनेत्री मधुरा वेलणकर, आदित्य दवणे, निकिता भागवत, कवि दुर्गेश सोनार, बलिराम गायकवाड़, कवि प्रवीण देशमुख, ग्रंथाली की प्रा. लतिका भानुशाली, अरुण जोशी आदि ने श्री. फडणवीस ने मुलाकात कर फैसले का स्वागत किया.
इस समय फडणवीस ने विनम्रतापूर्वक कहा कि आपने जो मेरा स्वागत किया है, उसे मैं एक प्रतिनिधि के रूप में स्वीकार कर रहा हूं. आज सभी मराठी लोगों के लिए एक-दूसरे को बधाई देने का दिन है. चूंकि, यह केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहल करने और यह बहुप्रतीक्षित निर्णय लेने के लिए धन्यवाद दिया जाना चाहिए. फडणवीस ने यह भी कहा कि जिस मराठी भाषा ने सदियों से हम सभी को प्रेरणा, विश्वास, वीरता और करुणा दी है, हमारी मराठी भाषा को राज मान्यता मिलने के बाद हम सभी की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है, ऐसा भी फडणवीस ने कहा. मराठी भाषा प्रसार और प्रचार के लिए राज्य सरकार के रुप में जो भूमिका लेनी है और जो काम करना है, वो हम निश्चित तौर पर करेंगे, ऐसा आश्वासन भी श्री. फडणवीस ने दिया. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि मराठी भाषा केवल संपर्क भाषा ही न रहे, बल्कि वह ज्ञान की भाषा कैसे बने और आज के युग में हम मराठी भाषा को ज्ञान की भाषा के रूप में कैसे स्थापित कर सकते हैं, इसके बारें में विचार कर हम सब उस दिशा में प्रयास करेंगे, ऐसा भी श्री फडणवीस ने इस समय कहा.