- पी वी आनंदपद्मनाभन
कैंसर रोगियों को सशक्त बनाने में CPAA का पुनर्वास केंद्र एक अहम् भूमिका निभाकर बेंचमार्क स्थापित करता है।
मुंबई -कैंसर मरीजों की सहायता के लिये CPAA एसोसिएशन का पुनर्वास केंद्र आशा और विश्वास की नयी किरण और ऊर्जा के रूप में खड़ा है,जो उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता के माद्यम से अपनी गरिमा और आत्मसम्मान को पुनः प्राप्त करने में सक्षम बनाने के साथ-साथ अपने गुणों और हुनर को विकसित करने का मौका देता है।उन्हें इस बात का भरोसा दिलाता है कि वे कमजोर नहीं हैं। वे भी अपना जीवन आत्मनिर्भर होकर बिना किसी पर बोझ बने आत्मसम्मान के साथ जी सकते हैं। CPAA एसोसिएशन द्वारा उन्हें अपने गुणों और कुशलताओं को पहचानकर उसे निखारने और प्रदर्शित करने का अवसर दिया जाता है। उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर उनमें एक विश्वास जागृत करने की पहल करने का एक जरिया है। CPAA एसोसिएशन जो उन्हें मौका देता है आगे बढ़ने और अपनी पहचान बनाने के साथ-साथ आर्थिक मजबूती प्रदान करने का।
सन १९८७ में श्रीमति मंजू गुप्ता द्वारा इस संस्था को स्थापित किया गया था। यह संस्था रोगियों को शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय बनाये रखने और अपने जीवन की समुचित गुणवत्ता को पहचानने और विकसित करने के लिए व उनमें जागरूकता लाने का प्रयास करने के लिए समर्पित है और अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
श्रीमती अलका सप्रू बीसेंन(सीईओ),डॉ.सुमन आर अग्रवाल व श्रीमती रूपा दलाल इस प्रेस परिषद में उपस्थित थे।
CPAA पुनर्वास केंद्र ने आजतक ३२,४४७ रोगियों और परिवारों का सफलतापूर्वक पुनर्वास किया है जो अपनेआप में बहुत ही सराहनीय है। यह केंद्र रोगियों को ना सिर्फ आर्थिक मजबूती देता है बल्कि उन्हें एक ऐसा माहौल भी प्रदान कराता है जो पोषण,सहानुभूति और अपनेपन से भरा हो। यह केंद्र ऐसे माहौल में एक विशेष प्रशिक्षण प्रदान करता है जो रोगियों को एक नयी ऊर्जा और स्फूर्ति के साथ-साथ काम करने के लिए प्रेरित भी करता है। भविष्य में नए रोजगार के अवसरों के द्वार खोलकर आशा की किरण जगाता है। इस एसोसिएशन का उद्देश्य खुदरा दुकानों ,व्यापार प्रदर्शनियों ,कॉरपोरेट घरानों ,और व्यक्तिगत ग्राहकों के माध्यम से बेचे जाने वाले कलात्मक और उपयोगी
उत्पादों का निर्माण करना है।ये कैंसर रोगियों को बेचारगी की भावना से उबारकर एक दृढ विश्वास के साथ जीवन व्यतीत करने का समर्थन करता है।
रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों को प्रशिक्षण के दौरान बिना किसी दबाव या शर्तों के समर्थन दिया जाता है,जिसमें रोजगार के अवसर ,कैंसर की दवा ,परिवार के भरण -पोषण की जिम्मेदारी ,मासिक राशन ,किराए की व्यवस्था और आवश्यक होने पर स्कूल की फीस भी दी जाती है।
व्यावसायिक प्रशिक्षण में सिलाई ,कढ़ाई ,दिया सजावट,मोमबत्ती बनाना और स्क्रीन प्रिंटिंग ,बॉक्स बनाना और स्तन के कृत्रिम अंग की प्रोस्थेसिस क्राफ्टिंग करना शामिल है।
इस पुनर्वास केंद्र की कार्यकारी निर्देशक श्रीमती मंजू गुप्ता ने इस प्रभावशाली पहल को सशक्त और समृद्ध करने के लिए लोगों से सहयोग की अपील करते हुए कहा ,” हम वंचित कैंसर रोगियों के जीवन को बेहतर बनाने में शामिल होने के लिए परोपकारियों और निगमों का स्वागत करते हैं। ”
उनके इस प्रयास को सफल बनाने में सभी सक्षम व्यक्तियों को योगदान देकर अपनी इंसानियत और असहाय लोगों के प्रति सहानुभूति का परिचय देना चाहिए ताकि आने वाला समाज और अधिक सुदृढ़ और आत्मनिर्भर बन सकें।