मंकीपॉक्स को WHO ने घोषित किया इमरजेंसी, अलर्ट मोड पर आया हैदराबाद स्वास्थ्य विभाग

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वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बाद दुनिया में कई गंभीर बीमारियों के खतरे मंडरा रहे हैं इसमें हाल ही में मंकीपॉक्स यानि Mpox को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। इसके मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को जहां पर अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) घोषित किया है। इसके बाद इस बीमारी के भारत में आने की आहट को देखते हुए तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है।

जानिए क्यों WHO ने उठाया ये कदम
आपको बताते चलें कि, बीते दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने mpox को आपातकाल करार दिया था। इस कदम के पीछे बताया जा रहा हैं कि, अफ्रीका के कई देशों में संक्रमण के खतरनाक उछाल के कारण mpox को PHEIC का दर्जा जारी करना पड़ा। अकेले 2024 में, कुल 17,500 mpox पॉजिटिव संक्रमण दर्ज किए गए, जिनमें से 460 मौतें अफ्रीका में हुई हैं। इस प्रकार इस बीमारी का खतरा अब वैश्विक स्तर पर उछल रहा है।

हैदराबाद में अलर्ट हुआ स्वास्थ्य विभाग
मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए हैदराबाद का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया हैं यहां पर गंभीर प्रभाव को देखते हुए डॉक्टरों को एमपॉक्स के विशिष्ट लक्षणों पर नज़र रखने की सलाह दी गई हैं। इसके अलावा उन्हें फ्लू जैसी बीमारी और त्वचा के घावों और अफ्रीकी देशों की यात्रा के इतिहास पर नज़र रखने की बात की गई है। बताते चलें कि, हैदराबाद के छात्र पढ़ाई के लिए अफ्रीका जाते हैं इस वजह से वायरल संक्रमण के बारे में आम जनता के बीच जोखिम जागरूकता दर्शाने के लिए मंकी पॉक्स के प्रति सतर्क रहने की बात कही गई है।

कितनी गंभीर हैं Mpox की बीमारी
आपको बताते चलें कि, मंकीपॉक्स यानि Mpox एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जिसके लक्षण चेचक के समान हैं, हालाँकि इसकी नैदानिक ​​गंभीरता कम है। यह मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है, जिसकी पहली बार 1958 में खोज की गई थी, जब शोध के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बंदरों में चेचक जैसी बीमारी का प्रकोप हुआ था। पहला मानव मामला 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में रिपोर्ट किया गया था। इसे लेकर 2022 में जारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MOHFW) की सलाह के आधार पर बीमारी की प्रकृति बताई गई है।

क्या हैं मंकीपॉक्स के प्रकार
अफ्रीका में एमपॉक्स के दो प्रकार/क्लैड हैं, जो पिछले वर्ष संक्रमण के उछाल के पीछे हैं। पहली किस्म यानी क्लेड I अफ्रीका में स्थानिक है और 10 प्रतिशत की मृत्यु दर के साथ गंभीर माना जाता है। एमपॉक्स का दूसरा प्रकार क्लेड II, जो अफ्रीका में भी स्थानिक है, सकारात्मक संक्रमणों में 0.1 प्रतिशत की मृत्यु दर के साथ कम गंभीर माना जाता है।

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