नई दिल्ली : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की बेटी साइमा वाजिद ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपने देश में लोगों की जान जाने से,साथ ही ऐसे कठिन समय में अपनी मां को देख नहीं पाने से, उन्हें गले नहीं लगा पाने से बेहद दुखी हैं। बांग्लादेश में छात्रों के सरकार विरोधी-प्रदर्शनों के कारण हसीना ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ने के बाद भारत में शरण ली।
उनकी बेटी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि जिस बांग्लादेश से मैं प्यार करती हूं वहां लोगों की जान जाने से मेरा दिल टूट गया है। इस कठिन समय में अपनी मां को देख नहीं सकती, उन्हें गले नहीं लगा सकती। इस बात से मैं बेहद दुखी हूं।
शेख हसीना 15 साल से सत्ता में रहीं
मैं आरडी के तौर पर अपनी भूमिका निभाती रहूंगी। वाजिद दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक हैं। बांग्लादेश विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ कई हफ्तों से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच, पिछले 15 साल से सत्ता में रहीं शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के कारण अभूतपूर्व राजनीतिक संकट से जूझ रहा है।
क्या है मामला
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को संसद भंग की दी और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया। बता दें कि बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के खिलाफ देश के छात्र जुलाई महीने से ही राजधानी ढाका में आंदोलन कर रहे थे। धीरे-धीरे आंदोलन ने व्यापक रूप ले ली। देखते ही देखते आंदोलन काफी उग्र और हिंसक हो गया था।
जुलाई महीने में भी हुआ था विरोध प्रदर्शन
जुलाई महीने में हुए विरोध प्रदर्शन में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। अगस्त महीने में फिर से आंदोलन ने जो पकड़ लिया। बीते रविवार को लगभग 100 मारे गए।पिछले महीने ही शेख हसीना ने इस आंदोलन से निपटने के लिए सेना को तैनात किया था, यही वजह रही कि जुलाई महीने के आंदोलन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। सोमवार को प्रदर्शन में 20 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि पुलिस ने की है।