योगी सरकार को बड़ा झटका! नेमप्लेट विवाद पर जारी रहेगा SC का अंतरिम आदेश

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजनीति में नेमप्लेट विवाद ने एक अलग गर्माहट ला रखी है। जहां योगी सरकार द्वारा कांवड़ यात्रियों के रास्ते में दुकानदारों को अपने दुकान के आगे नाम लगाने वाले फरमान में सुप्रीम कोर्ट की एंट्री ने योगी सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। जहां यूपी सरकार के हलफनामे के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है। पहले दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी जिसके बाद योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से एक हलफनामा दाखिल किया था जिसमें योगी सरकार ने बताया था कि आखिर क्यों कांवड़ यात्रियों के रास्ते में नेमप्लेट लगाने का निर्देश दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के सामने फेल हुई दलील
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे की बात करें तो एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को झटका दिया है। जहां सुप्रीम कोर्ट ने नेमप्लेट विवाद में अपने अंतरिम फैसले को बरकरार रखा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड और एमपी सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है।
याचिकाकर्ता को SC ने दिया समय
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बरकरार रखते हुए याचिकाकर्ता को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद अगले सोमवार को होगी। तब तक सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा।
यूपी सरकार का विरोध
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूपी सरकार ने नेमप्लेट आदेश के खिलाफ दायर याचिका का विरोध किया था और कोर्ट से याचिकाओं को खारिज करने की अपील की थी। जहां कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेमप्लेट लगाने के आदेश की शुरुआत सबसे पहले मुजफ्फरनगर से हुई थी, बाद में योगी सरकार ने इस नियम को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया।
एक नजर योगी सरकार के हलफनामे पर
नेमप्लेट के विरोध में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था जिसमें योगी सरकार ने कारण बताया था कि आखिर दुकानों के बाहर नेमप्लेट क्यों लगाने चाहिए। इससे पहले यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में अपनी दलीलों के समर्थन में कांवड़ मार्ग पर कुछ खाने-पीने की दुकानों की तस्वीरें पेश की थीं।
जानकारी के लिए बता दें कि मसलन, राजा राम भोज फैमिली टूरिस्ट ढाबा के नाम से ढाबा चलाने वाले दुकानदार का नाम वसीम है। राजस्थानी खालसा ढाबा के मालिक फुरकान हैं। पंडित जी वैष्णो ढाबा के मालिक सांवर राठौर हैं। सरकार का कहना है कि कांवड़ मार्ग पर खान-पान को लेकर गलतफहमी पहले भी झगड़े और तनाव का कारण बनती रही है।

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