नई दिल्ली: भारत सरकार के लिए आज भी साइबर अपराध सिर का दर्द बना हुआ है। साइबर अपराध प्रकोष्ठ के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने दिल्ली में प्रतिदिन हो रहे साइबर अपराध के मामले में को लेकर आकड़ा जारी किया है जो कि सरकार और एजेंसियों की असफलता की पोल खोलता हुआ दिख रहा है। डीसीपी के द्वारा जारी आकड़े की माने तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 700 लोग आज भी साइबर अपराध का शिकार हो रहे है।
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध का आकड़ा जारी करते हुए डीसीपी ने शुक्रवार को कहा कि अकेले राष्ट्रीय राजधानी में हर दिन कम से कम 700 लोग साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं और पिछले 18 महीनों में यह समस्या काफी बढ़ गई है। पुलिस उपायुक्त हेमंत तिवारी ने यहां पीटीआई मुख्यालय में एजेंसी के संपादकों के साथ बातचीत में कहा कि साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर औसतन प्रति माह 55,000 से 60,000 कॉल या प्रतिदिन 1,700 कॉल आती हैं, जिनमें से 700 से 800 नयी शिकायतें प्रतिदिन होती हैं।
दिल्ली के चौंकाने वाले आकड़े
भारत की बात छोड़ भी दे तो अगर केवल दिल्ली के आकड़े की केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों के लिए संकट घर बना हुआ है। अकेले दिल्ली के ये आंकड़े बताते हैं कि यह समस्या पूरे देश में कहीं अधिक गंभीर हो सकती है। डीसीपी ने कहा ये कॉल ज्यादातर वित्तीय और अन्य विविध धोखाधड़ी से संबंधित हैं। वास्तव में, इन 700 कॉल में से 200-250 वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित हैं। साइबर अपराधी आमतौर पर तीन चीजों-अज्ञानता, लालच और पीड़ित के डर का फायदा उठाते हैं। धोखाधड़ी और चोरी जैसे पारंपरिक अपराध अब साइबर स्पेस में भी फैल गए हैं।