मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के घाटकोपर इलाके में अवैध होर्डिंग ढहने के मामले को लेकर बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया। घाटकोपर हादसे में 17 लोगों की मौत हुई थी।
सरकार द्वारा गठीत समिति की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दिलीप भोसले करेंगे, जबकि पुलिस महानिदेशक, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अतिरिक्त आयुक्त, आईआईटी बॉम्बे के एक इंजीनियर, एक आयकर अधिकारी और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट इसके सदस्य होंगे।
गृह विभाग ने जारी किया आदेश
राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुरूप समिति के कार्यक्षेत्र में होर्डिंग और पेट्रोल पंप के लिए जिम्मेदार संस्थाओं की भूमिका की जांच करना शामिल है। इस कमेटी को सरकारी और रेलवे संपत्तियों पर होर्डिंग को मंजूरी देने की प्रक्रिया का मुल्यांकन करने और भविष्य में ऐसी घटनाएं होने से रोकने के लिए सिफारिश करने का काम भी सौंपा गया है।
समिति भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए रेलवे या पुलिस की सभी भूमि पर होर्डिंग लगाने की नीति की समीक्षा करने की भी सिफारिश करेगी। साथ ही पेट्रोल पंपो और होर्डिंग के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया कि विश्लेषण करना और सुरक्ष बढ़ाने के लिए अवैध संचालन रोकने के लिए नितिगत बदलावों को लेकर सुझाव भी देगी।
होर्डिंग गिरने से 17 लोगों की हुई थी मौत
आपको बता दें कि धूल भरी आंधी के बीच बीते 13 मई को घाटकोपर में एक पेट्रोल पंप पर लोहे का एक बड़ा होर्डिंग गिरने से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 74 घायल हो गए थे। इससे पहले इस मामले के आरोपी भावेश भिंडे बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। उस याचिका में हादसे को दैवीय घटना बताते हुए प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह दैवीय घटना थी और इसलिए उन्हें इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। भिंडे फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। उसने अपनी याचिका पर सुनवाई होने तक जमानत पर रिहा किए जाने का अनुरोध किया है।