नई दिल्ली : प्रश्नपत्र लीक की घटनाओं को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। घोष ने शुक्रवार को कहा कि इन घटनाओं ने मोदी सरकार की शासन संबंधी कमियों को उजागर कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि परीक्षा के आयोजन में अनियमितताओं को लेकर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के कामकाज की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति की घोषणा पर्याप्त नहीं है। घोष ने आरोप लगाते हुये कहा कि प्रमुख अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने की लगातार हो रही घटनाओं ने मोदी सरकार की शासन संबंधी कमियों को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले सात साल में 70 से अधिक बार प्रश्नपत्र लीक हुए हैं। उन्होंने कहा कि नीट-यूजी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक हुए थे और यूजीसी-नेट परीक्षा भी रद्द कर दी गयी क्योंकि यह डार्कनेट पर लीक हो गया था।
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने सवाल उठाते हुये पूछा कि इन घटनाओं पर मोदी नीत सरकार की प्रतिक्रिया क्या रही है? उन्होंने कहा, ‘शिक्षा मंत्री ने घोषणा की कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के कामकाज की जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी जो पर्याप्त नहीं है।” उन्होंने सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि इन मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने सवाल किया कि पेपर लीक के लिए कौन जिम्मेदार है और मोदी सरकार किसे बचा रही है। इस समस्या के हल के लिए मोदी सरकार क्या स्थायी समाधान पेश कर रही है?
तृणमूल सांसद ने आरोप लगाते हुये कहा, “सच तो यह है कि मोदी वार्षिक ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यकम को लेकर इवेंट मैनेजमेंट करते हैं और करदाताओं का पैसा खर्च करते हैं। वह एक भी प्रमुख अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षा को ठीक से आयोजित करने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह शर्मनाक है और प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के युवाओं को निराश किया है और धोखा दिया है।