राजेश लक्ष्मण गावड़े, संपादक: जनकल्याण टाइम
- आरपीएफ और जीआरपी के जवान सब कुछ आंखें बंद कर देखते रहते हैं
नवसारी : इस देश में रेल की पटरियों को पार करना कानूनी तौर पर भी अपराध है. रेलवे अधिनियम की धारा 147 के तहत रेल की पटरियों को पार करने के अपराध में व्यक्ति को पकड़ा जा सकता है. ऐसा करते हुए पाए जाने पर व्यक्ति को 06 महीने तक की सजा हो सकती है. वहीं 1000 रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधन है. लेकिन गुजरात का एक शहर है नवसारी। नवसारी रेलवे स्टेशन पर हर रोज सैकड़ों लोग जीवन का दांव लगा रहे हैं। यहां यात्रियों के साथ राहगीर भी हर समय पटरियां पार करते हैं और मौत को दावत देते हैं। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक से दो पर पहुंचने के लिए यात्री न सिर्फ नियमों को ताक पर रख रहे हैं, बल्कि, जान हथेली पर रख रेलवे लाइन क्रास करते हैं। ऐसा नजारा स्टेशन पर प्रतिदिन देखने को मिलता है। आरपीएफ और जीआरपी के जवान सब कुछ आंखें बंद कर देखते रहते हैं। इससे पहले की हम विस्तार से बताएं, एक बार आप ये वीडियो देखें।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों द्वारा सरेआम रेल नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। स्टेशन पर कोई भी ट्रेन आते ही रोजाना सैकड़ों यात्री ओवर ब्रिज की बजाय पटरी पार कर उस ट्रेन को पकड़ते हैं। रेलवे स्टेशन पर पटरी पार करने वालों पर किसी की नजर नहीं है। ट्रेन आने पर यहां पटरी पार करने का सिलसिल चलता रहता है। जान जोखिम में डालकर पटरी पार करने वालों को रोकने वाला कोई नहीं है। वहां तैनात जीआरपी के जवान भी इस मामले में गंभीरता नहीं बरत रहे।
वीडियो वायरल
कुछ दिन पहले के इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंची तो एक साथ सैकड़ों यात्री ट्रेन के दूसरे दरवाजे से चढ़ जाते हैं। कुछ ट्रेन में सफर करने के लिए चढ़ते हैं तो कुछ सिर्फ दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए। इस दौरान रेलवे के अधिकारी व कर्मचारी भी प्लेटफार्म पर मौजूद थे लेकिन किसी ने भी यात्रियों को नहीं रोका।
अजब गजब है यात्री और सुरक्षाकर्मी
रेलवे पटरी पार करने के दौरान लोग रेलगाड़ी और मालगाड़ी के गुजरने का इंतजार तक नहीं करते। कई बार सिग्नल नहीं मिलने पर एक्सप्रेस और मालगाड़ी स्टेशन पर आकर खड़ी हो जाती हैं। ऐसे में लोग 5 से 10 मिनिट तक रुकने की बजाए खड़ी ट्रेन के नीचे से निकलने में भी गुरेज नहीं करते। ऐसे में कई बार बड़े हादसे हो चुके हैं। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं रेलवे के जवान और कर्मी भी लापरवाही बरतने वालों पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे लोगों के हौसले बुलंद हैं। रेलवे स्टेशन पर अपनी जान खतरे में डालकर महिला, पुरुष, बच्चों के पटरी करने का नजारा आए दिन दिखाई दे सकता है। इस दौरान आरपीएफ व टीटी स्टाफ मौके पर मौजूद रहता है, लेकिन वह कार्रवाई नहीं करते हैं, जिससे किसी दिन यहां बड़ा हादसा हो सकता है। ट्रेन में सीट को लेकर ट्रेन आते ही पटरियों पर खड़े नजर आते हैं। स्टेशन पर बने ओवरब्रिज का इस्तेमाल न करके लोग जल्दी के चक्कर में पटरी पार करते हैं, जिससे आए दिन हादसे होते हैं। वहीं, जो ट्रेन स्टेशन पहुंचती हैं उनसे उतरने के बाद यात्री सीधे बाहर निकलने के लिए पटरी पार करते हैं। यहां पर आरपीएफ व टीटी स्टाफ खड़ा रहता है, लेकिन उन्हें ऐसा करने से नहीं रोकते हैं। आलम यह है कि रेलवे कर्मचारी भी पटरियों को पार करते हैं।
फुट ओवरब्रिज का नहीं करते उपयोग
रेलवे स्टेशन परिसर में यात्रियों की सुविधा के लिए फुट ओवर ब्रिज बना है। लेकिन इसका उपयोग नाममात्र के लोग ही करते हैं। या फिर लोग उस समय ओवर ब्रिज से जाते हैं जब प्लेटफार्म के बीच में कोई मालगाड़ी खड़ी हो। हैरानी की बात तो यह है कि विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों के सामने ही भारी सामान लेकर सीधे पटरियां पार करते हैं। पूर्व में कई हादसे होने के बावजूद भी यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर पटरियों पर से निकलते हैं।