गुजरात में तीसरे चरण में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। राज्य में 7 मई को मतदान होना है। रिजल्ट 4 जून को आएगा। राज्य की सभी 25 सीटों पर एक साथ मतदान होगा। सूरत की सीट पर बीजीपी पहले ही जीत चुकी है। उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित घोषित हो चुके हैं।
अब चुनाव प्रचार के आखिरी दिन जारी हैं ऐसे में हर राजनीतिक दल के दिग्गज गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतर गए हैं।
इसी कड़ी में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी आज पाटन लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार चंदनजी ठाकोर के लिए प्रचार करने के लिए प्रगति मैदान में एक विशाल सभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले शनिवार को प्रियंका गांधी ने आदिवासी बहुल क्षेत्र वलसाड में जनसभा को संबोधित कर गुजरात में कांग्रेस के चुनाव प्रचार का आगाज किया था। कुछ दिनों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के पूर्व मंत्री अशोक गहलोत भी गुजरात में चुनाव प्रचार करेंगे।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 1 व 2 मई को गुजरात में चुनाव प्रचार करेंगे। इस दौरान वे 8 रैलियां और चार जनसभाएं करेंगे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज पाटन में एक जनसभा को संबोधित करेंगे
राहुल गांधी की आज पाटन लोकसभा उम्मीदवार चंदनजी ठाकोर के लिए मतदाताओं से वोट मांगने के लिए जनसभा है। पाटन में कांग्रेस कैंडिडेट चंदनजी ठाकोर का मुकाबला बीजेपी के मौजूदा सांसद भरत सिंह डाभी से है। शहर के प्रगति मैदान में राहुल गांधी की जनसभा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
2017 के बाद पाटन में राहुल गांधी की जनसभा 7 साल बाद होने जा रही है। इसमें बड़ी संख्या में लोगों के आने की संभावना को ध्यान में रखते हुए तैयारी की गई। पाटन में राहुल गांधी के साथ गुजरात प्रदेश कांग्रेस के नेता, विधायक, पूर्व विधायक, गढ़बंगान के नेता भी मौजूद रहेंगे।
2014 और 2019 में बीजेपी ने एकतरफा जीत के साथ गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर कब्जा किया था। आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यह सिलसिला तोड़ने और जीत का खाता खोलने के लिए नई रणनीति के साथ प्रचार करना होगा।
गुजरात की आदिवासी बहुल सीटों पर है कांग्रेस की नजर
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने आदिवासी बहुल क्षेत्र वलसाड में जनसभा को संबोधित कर गुजरात में कांग्रेस के चुनाव प्रचार का आगाज किया। आज राहुल गांधी की भी फिर आदिवासी बहुल क्षेत्र पाटन में जनसभा आयोजित है। प्रियंका के बाद राहुल की जनसभा भी आदिवासी बहुल क्षेत्र में है, इससे साफ है कि पार्टी की नजर आदिवासी वोट बैंक पर है।