
चुनावी चंदे के बदले में देश की जनता की ज़िंदगी के साथ खेला जा रहा है?
स्पेशल न्यूज़ विथ राजेश गावड़े के इस एपीसोड में जनकल्याण टाइम के संपादक राजेश गावड़े चर्चा कर रहे हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड के डाटा से दवा बनाने वाली कंपनियों से जुड़ा एक बेहद गंभीर तथ्य सामने आया है। कई दवा बनाने वाली कंपनियां कई बार दवा टेस्ट में फेल हुईं, उन्होंने करोड़ों के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इनमें से ज़्यादातर सत्तापक्ष की BJP के पास गए। क्या चुनावी चंदे के बदले में देश की जनता की ज़िंदगी के साथ खेला जा रहा है?
1. टोरेंट फ़ार्मास्यूटिकल लिमिटेड

- इस कंपनी का रजिस्टर्ड दफ़्तर गुजरात के अहमदाबाद में है.
- साल 2018 से 2023 के बीच इस कंपनी की बनाई तीन दवाओं के ड्रग टेस्ट फ़ेल हुए.
- ये दवाएं थीं डेप्लेट ए 150, निकोरन आईवी 2 और लोपामाइड.
- डेप्लेट ए 150 दिल का दौरा पड़ने से बचाती है और निकोरन आईवी 2 दिल के कार्यभार को कम करती है. लोपामाइड का इस्तेमाल अल्पकालिक या दीर्घकालिक दस्त के इलाज के लिए किया जाता है
- इस कंपनी ने 7 मई 2019 और 10 जनवरी 2024 के बीच 77.5 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे.
- इन 77.5 करोड़ रुपए में से 61 करोड़ भारतीय जनता पार्टी को दिए गए.
- सिक्किम क्रान्तिकारी मोर्चा को इस कंपनी ने 7 करोड़ रुपए और कांग्रेस को 5 करोड़ रुपए दिए.
2. सिप्ला लिमिटेड
- सिप्ला लिमिटेड का रजिस्टर्ड दफ़्तर मुंबई में है.
- साल 2018 से 2023 के बीच इस कंपनी की बनाई दवाओं के सात बार ड्रग टेस्ट फ़ेल हुए.
- ड्रग टेस्ट फ़ेल करने वाली दवाओं में आरसी कफ़ सिरप, लिपवास टैबलेट, ओन्डेनसेट्रॉन और सिपरेमी इंजेक्शन शामिल थी.
- सिपरेमी इंजेक्शन में रेमडेसिविर दवा होती है जिसका इस्तेमाल कोविड के इलाज में किया जाता है.
- लिपवास का इस्तेमाल कोलेस्ट्रॉल कम करने और हृदय रोगों के ख़तरे को कम करने के लिए किया जाता है.
- ओन्डेनसेट्रॉन का इस्तेमाल कैंसर कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी के कारण होने वाली मतली और उल्टी को रोकने के लिए किया जाता है
- इस कंपनी ने 10 जुलाई 2019 और 10 नवम्बर 2022 के बीच 39.2 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे.
- इनमें से 37 करोड़ के बॉन्ड बीजेपी को दिए गए और 2.2 करोड़ के कांग्रेस को.
3. सन फ़ार्मा लेबोरेटरीज़ लिमिटेड
- सन फ़ार्मा लेबोरेटरीज़ का मुख्यालय मुंबई में है.
- साल 2020 और 2023 के बीच छह बार इस कंपनी की बनाई गई दवाओं के ड्रग टेस्ट फ़ेल हुए.
- टेस्ट में फ़ेल होने वाली दवाओं में कार्डीवास, लैटोप्रोस्ट आई ड्रॉप्स, और फ़्लेक्सुरा डी शामिल थीं.
- कार्डिवास का इस्तेमाल उच्च रक्तचाप, हृदय से संबंधित सीने में दर्द (एनजाइना) और हार्ट फेलियर इलाज के लिए किया जाता है.
- 15 अप्रैल 2019 और 8 मई 2019 को इस कंपनी ने कुल 31.5 करोड़ रुपए के बॉन्ड ख़रीदे.
- ये सारे बॉन्ड कंपनी ने बीजेपी को दिए.
4. ज़ाइडस हेल्थकेयर लिमिटेड

- ज़ाइडस हेल्थकेयर लिमिटेड का मुख्यालय मुंबई में है.
- साल 2021 में बिहार के ड्रग रेगुलेटर ने इस कंपनी की बनाई गई रेमडेसिविर दवाओं के एक बैच में गुणवत्ता की कमी की बात कही थी.
- रेमडेसिविर का इस्तेमाल कोविड के इलाज में किया जाता है
- 10 अक्टूबर 2022 और 10 जुलाई 2023 के बीच इस कंपनी ने 29 करोड़ रुपए के बॉन्ड ख़रीदे.
- इसमें से 18 करोड़ रुपए बीजेपी को, 8 करोड़ रुपए सिक्किम क्रान्तिकारी मोर्चा और 3 करोड़ रुपए कांग्रेस को दिए गए.
5. हेटेरो ड्रग्स लिमिटेड और हेटेरो लैब्स लिमिटेड
- इन कंपनियों का मुख्यालय तेलंगाना के हैदराबाद में है.
- साल 2018 और 2021 के बीच इस कंपनी की बनाई गई दवाओं के सात ड्रग टेस्ट फ़ेल हुए.
- ड्रग टेस्ट में फ़ेल हुई दवाओं में रेमडेसिविर इंजेक्शन, मेटफॉरमिन और कोविफोर शामिल थीं.
- रेमडेसिविर और कोविफोर का इस्तेमाल कोविड के इलाज में किया जाता है जबकि मेटफॉरमिन का इस्तेमाल डायबिटीज या मधुमेह के लिए होता है.
- हेटेरो ड्रग्स लिमिटेड ने 7 अप्रैल 2022 और 11 जुलाई 2023 को 30 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे.
- ये सारे बॉन्ड तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पार्टी को दिए गए.
- हेटेरो लैब्स लिमिटेड ने 7 अप्रैल 2022 और 12 अक्टूबर 2023 को 25 करोड़ रुपए के बॉन्ड ख़रीदे.
- इसमें से 20 करोड़ रुपए के बॉन्ड बीआरएस को और 5 करोड़ के बॉन्ड बीजेपी को दिए गए.

6. इंटास फ़ार्मास्युटिकल्स लिमिटेड
- इंटास फ़ार्मास्युटिकल्स का मुख्यालय गुजरात के अहमदाबाद में है.
- जुलाई 2020 में इस कंपनी की बनाई गई दवा एनाप्रिल का ड्रग टेस्ट फ़ेल हुआ.
- एनाप्रिल का इस्तेमाल उच्च रक्तचाप और हार्ट फ़ेलियर के इलाज के लिए किया जाता है. इस दवा को दिल का दौरा पड़ने के बाद भी दिया जाता है.
- इस कंपनी ने 10 अक्टूबर 2022 को 20 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे.
- ये सारे बॉन्ड भारतीय जनता पार्टी को दिए गए.
7. आईपीसीए लैबोरेट्रीज़ लिमिटेड
- आईपीसीए लैबोरेट्रीज़ लिमिटेड का मुख्यालय मुंबई में है.
- अक्टूबर 2018 में इस कंपनी की बनाई गई दवा लारियागो टेबलेट का ड्रग टेस्ट फ़ेल हुआ.
- लारियागो का उपयोग मलेरिया की रोकथाम और उपचार के लिए किया जाता है.
- 10 नवम्बर 2022 और 5 अक्टूबर 2023 के बीच इस कंपनी ने 13.5 करोड़ रुपए के बॉन्ड ख़रीदे.
- इसमें से 10 करोड़ रुपए के बॉन्ड बीजेपी को दिए गए और 3.5 करोड़ के बॉन्ड सिक्किम क्रान्तिकारी मोर्चा पार्टी को दिए गए.
8. ग्लेनमार्क फ़ार्मास्युटिकल्स लिमिटेड

- ग्लेनमार्क फ़ार्मास्युटिकल्स लिमिटेड का मुख्यालय मुंबई में है.
- साल 2022 और 2023 के बीच इस कंपनी की बनाई गई दवाओं के छह ड्रग टेस्ट फ़ेल हुए.
- जिन दवाओं के ड्रग टेस्ट फ़ेल हुए उनमें टेल्मा एएम, टेल्मा एच और ज़िटेन टेबलेट शामिल थी.
- टेल्मा एएम और टेल्मा एच का इस्तेमाल उच्च रक्तचाप के इलाज में किया जाता है. ज़िटेन टेबलेट का इस्तेमाल डायबिटीज के इलाज के लिए किया जाता है.
- इस कंपनी ने 11 नवम्बर 2022 को 9.75 करोड़ रुपए के बॉन्ड ख़रीदे.
- ये सभी बॉन्ड बीजेपी को दिए गए.