Mumbai Crime: बॉडी में चिप लगाकर सोशल मीडिया को किया हैक, हार्टबीट बढ़ाकर जान से मारने का किया प्रयास

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मुंबई: मुंबई की एक मेट्रोपोलिटन कोर्ट (Court) में अजीबोगरीब मामले की सुनवाई हुई है। हालांकि ये मामला सभी के लिए उपयोगी भी है। दरअसल कोर्ट में वादी सचिन सोनवणे ने हलफ़नामा देकर अपील की है कि कुछ अज्ञात लोगों ने उसके शरीर में चिप (Chip in my body) लगाकर उसके सोशल मीडिया अकाउंट को हैक कर लिया है। आश्चर्यजनक है लेकिन दावा ये भी किया गया कि चिप के जरिये उसकी ह्रदय गति को बढ़ाया जाता था। जिससे उसे उसकी जान का खतरा हो गया है। कोर्ट ने इस बाबत चारकोप पुलिस को मामला दर्ज कर साइबर सेल से मामले की जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस को निर्देशित किया है कि जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए।
चिप के जरिये हैकिंग का आरोप
मुंबई की बोरीवली मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने चारकोप पुलिस को एक व्यक्ति के इस दावे की जांच करने का निर्देश दिया है कि कुछ अज्ञात लोगों ने उसके शरीर में माइक्रोचिप लगाकर उसका सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर लिया है। बोरीवली मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट बी.एन. चिकने ने चारकोप पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने और जांच करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में कोर्ट का आदेश सोमवार को उपलब्ध हुआ है। अदालत ने पुलिस से जल्द से जल्द अंतिम जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही कहा कि शिकायत से संबंधित दस्तावेजों को आवश्यक कार्रवाई के लिए चारकोप पुलिस थाने की ओर से साइबर अपराध शाखा को भेजा जाना चाहिए।
हार्टबीट को बढ़ाने की शिकायत
उसने यह भी दावा किया कि पासवर्ड बदलने जैसी तमाम सावधानियां बरतने के बावजूद हैकर ने उसके नये जी मेल खाते सहित उनके अन्य सोशल मीडिया खातों को हैक कर लिया है। अधिवक्ता प्रकाश सालसिंगिकर के जरिये दायर अपनी शिकायत में सचिन ने कहा कि इसके कारण उसे काफी नुकसान झेलना पड़ा है। उसने यह भी दावा किया कि किसी अज्ञात शख्स ने कई बार उनकी हृदय गति बढ़ाने के लिए माइक्रोचिप का इस्तेमाल किया है। जिससे उसकी जान को भी खतरा है।
साइबर एक्सपर्ट की हैकिंग पर हां हृदय गति के दावे पर ना
नवभारत ने इस खबर की सत्यता के लिए जब साइबर एक्सपर्ट से बात की तो बग हंटर प्रेमेन्द्र शर्मा का कहना है कि “चिप के जरिये लोकेशन ट्रेकिंग से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट को हैक किया जा सकता है। शर्मा ने आगे बताया चिप की रिवर्स इंजीनियरिंग करके ये पता किया जा सकता है कि चिप को क्या क्या कमांड दिया गया था। इसकी जांच की जा सकती है। पुलिस फॉरेंसिक जांच के ज़रिये ये पता कर सकती है कि चिप की क्षमता कितनी है। उसने किन डिवाइस और सोशल अकाउंट को छेड़ा है। “जहाँ तक हृदय गति को बढ़ाने के दावे की बात है, मौजूदा समय में ऐसी चिप संभव नहीं है, ये बिना किसी इलेक्ट्रिक करंट या ऊर्जा सप्लाई के सम्भव नहीं है। क्योंकि उसके लिए इलेक्ट्रोड जनरेट होता है। जिसके लिए बिजली जरूरी है। व्यावहारिक तौर पर ये सम्भव नहीं है।”

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