सूरत. गणपति स्थापना के अगले दिन भाद्रपद शुक्ल पंचमी बुधवार को ऋषि पंचमी पर्व से मनाया गया। इस मौके पर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में श्रद्धालुओं ने सप्तऋषि की विधि-विधान से पूजा-अर्चना और आरती की व कहानियां सुनी। इसके अलावा शहर में तापी नदी के विभिन्न क्षेत्र स्थित घाटों पर श्रद्धालु महिलाओं ने तापी-तापी-महातापी.. के जाप के साथ डुबकियां लगाकर घर-परिवार, समाज में खुशहाली की कामना व्यक्त की। तापी नदी के वराछा स्थित सिद्धकुटीर घाट समेत अन्य घाटों पर बुधवार सुबह तापी स्नान, ऋषि पूजन के आयोजन हुए। वहीं, डिंडोली स्थित गोकुलधाम सोसायटी में श्रद्धालु महिलाओं ने सप्तऋषि की स्थापना कर विधिविधान से पूजा की।
ऋषि पंचमी पर बंधवाई राखी
माहेश्वरी समाज ने ऋषि पंचमी पर्व के मौके पर बुधवार को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया। समाज के जगदीश कोठारी ने बताया कि पूर्वजों द्वारा बताई मान्यता के अनुसार जब माहेश्वरी वंश की उत्पत्ति हुई तब जो माहेश्वरी समाज के गुरु (ऋषि) थे, उनके द्वारा विशेष रूप से इसी दिन रक्षासूत्र बांधा जाता था। तब से यह परम्परा जारी है और समाज में बहनें भाइयों के लिए ऋषि पंचमी पर उपवास रख राखी बांधती हैं। माहेश्वरी समाज में बुधवार को घर-घर में ऋषि पंचमी पर्व राखी बांधकर मनाया गया।